मार्गरेट अल्वा ने उपराष्ट्रपति पद के लिए दाखिल किया नामांकन, शरद पवार और राहुल गांधी रहे मौजूद

alva nomination
Sansad TV (ANI)
अंकित सिंह । Jul 19 2022 12:09PM

नामांकन से पहले अल्वा ने कहा कि उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में मेरा समर्थन कर रहे सभी नेताओं से मिलने के लिए मुझे आमंत्रित किया गया था। इसलिए हम सभी मिले, मैं सभी को मुझमें विश्वास जताने के लिए धन्यवाद देती हूं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह मुश्किल चुनाव होगा, लेकिन मुझे किसी चुनौती से डर नहीं है।

उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने आज संसद भवन में अपना नामांकन दाखिल किया। मार्गरेट अल्वा के नामांकन के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और अन्य विपक्षी दलों के नेता उपस्थित रहे। आपको बता दें कि एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति चुनाव में जगदीप धनखड़ को उतारा गया है। इससे पहले विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए राजस्थान की पूर्व राज्यपाल मार्गरेट अल्वा को अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाने का रविवार को फैसला किया था। अल्वा को मैदान में उतारने का फैसला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर 17 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में लिया गया। 

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नामांकन से पहले अल्वा ने कहा कि उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में मेरा समर्थन कर रहे सभी नेताओं से मिलने के लिए मुझे आमंत्रित किया गया था। इसलिए हम सभी मिले, मैं सभी को मुझमें विश्वास जताने के लिए धन्यवाद देती हूं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह मुश्किल चुनाव होगा, लेकिन मुझे किसी चुनौती से डर नहीं है। मैं सभी विपक्षी दलों के नेताओं को मेरी उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए धन्यवाद देती हूं। अल्वा ने कहा कि मुझे पता है कि यह मुश्किल लड़ाई है, लेकिन राजनीति में जीत-हार कोई मुद्दा नहीं है, मुद्दा लड़ाई है। नये उपराष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए आगामी छह अगस्त को होने वाले चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने नामांकन दाखिल कर दिया था। 

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अल्वा की एक बार फिर वापसी

उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा एक बार फिर वापसी कर रहीं हैं और इससे पहले भी वह विराम के बाद सार्वजनिक जीवन में वापसी कर चुकी हैं। साल 2008 में बेटे को कर्नाटक विधानसभा का टिकट नहीं मिलने से नाराज हुईं अल्वा के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ रिश्तों में खटास आ गई थी। इसके बाद कुछ समय तक सक्रिय राजनीति से दूर रहीं अल्वा को उत्तराखंड का राज्यपाल बनाया गया था। चार दशकों से अधिक का राजनीतिक सफर तय करने वालीं अल्वा (80) पांच बार कांग्रेस सांसद, केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल सहित कई अन्य पदों पर रहीं। 

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