Maratha quota stir: मनोज जरांगे ने 17 दिनों के बाद वापस लिया अपना अपना, आंदोलन रहेगा जारी

Manoj Jarange
ANI
अंकित सिंह । Feb 26 2024 6:20PM

जरांगे का यह फैसला मराठा समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में कोटा से संबंधित अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए मुंबई तक मार्च की घोषणा के एक दिन बाद आया और यह संयोग ही था कि मुंबई में राज्य विधानमंडल का बजट सत्र भी शुरू हो गया था।

कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने सोमवार (26 फरवरी) को मराठा कोटा मुद्दे पर अपना 17 दिन पुराना अनशन वापस लेने की घोषणा की। हालांकि, उन्होंने कहा कि जब तक महाराष्ट्र सरकार उनके विस्तारित परिवार को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करना शुरू नहीं करती, तब तक वह अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। लोगों के पास पहले से ही ऐसे दस्तावेज़ हैं, जिससे उन्हें आरक्षण लाभ प्राप्त करने की अनुमति मिलती है। जरांगे का यह फैसला मराठा समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में कोटा से संबंधित अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए मुंबई तक मार्च की घोषणा के एक दिन बाद आया और यह संयोग ही था कि मुंबई में राज्य विधानमंडल का बजट सत्र भी शुरू हो गया था।

इसे भी पढ़ें: Devendra Fadnavis मेरी हत्या करने का प्रयास कर रहे हैं, Manoj Jarange ने लगाए उपमुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप

जारांगे-पाटिल की यह घोषणा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर अपना हमला तेज करने के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने उन पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। पिछले हफ्ते, राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत अलग आरक्षण प्रदान करने वाला एक विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया। जारांगे, जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में 10 फरवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं, हालांकि, उन्होंने ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों के लिए आरक्षण पर जोर दिया और अपना उपवास जारी रखा है। 

इसे भी पढ़ें: लोग चाहते हैं कि मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें, Ajit Pawar ने कहा- 400 सीट जीतने के लिए मिलकर काम करेंगे

महाराष्ट्र में कुनबियों को ओबीसी के रूप में वर्गीकृत किया गया है और राज्य सरकार ने उनके करीबी रिश्तेदारों को आरक्षण लाभ देने के लिए एक मसौदा अधिसूचना जारी की, जिसमें 7 लाख सुझाव और आपत्तियां आईं। आरक्षण आंदोलन को लेकर उनके खिलाफ दी गई कई पुलिस शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर जरांगे ने कहा, ‘‘अगर वे मुझ पर मुकदमा चलाना चाहते हैं, तो मुझे कोई समस्या नहीं है, लेकिन (ऐसा करके) वे परेशानी को आमंत्रित करेंगे। लोग नाराज होंगे और मुख्यमंत्री तथा गृह मंत्री को परिणाम भुगतने होंगे। अब यह फैसला उन पर है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़