नाबालिग का पहले किया अपहरण फिर मांगी एक लाख की फिरौती, 35 वर्षीय व्यक्ति गिरफ्तार
महाराष्ट्र में नाबालिग के अपहरण के जुर्म में व्यक्ति को सात साल सश्रम कारावास।अभियोजन ने अदालत को बताया कि अंसारी ने 27 मार्च, 2015 को 15 साल के एक लड़के का ठाणे के वर्तक नगर इलाके से अपहरण किया और उसे छोड़ने के एवज में एक लाख रुपये की फिरौती मांगी।
ठाणे (महाराष्ट्र)। जिला अदालत ने फिरौती के लिए एक नाबालिग का अपहरण करने के जुर्म में 35 वर्षीय व्यक्ति को दोषी करार देते हुए सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी। वर्ष 2015 के अपहरण के इस मुकदमे में अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में एक अन्य आरोपी को बरी कर दिया। जिला और सत्र अदालत के न्यायाधीश शैलेन्द्र ताम्बे ने कलीम इशाक अंसारी को भारतीय दंड संहिता की धारा 387 (ज़बरदस्ती वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को स्वयं उसकी या किसी अन्य व्यक्ति की मॄत्यु या गंभीर आघात को लेकर भयभीत करना) के तहत दोषी करार देते हुए सजा सुनायी और 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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अदालत ने मंगलवार को यह सजा सुनायी और इसका आदेश बुधवार को सार्वजनिक रूप से उलब्ध हुआ। अभियोजन ने अदालत को बताया कि अंसारी ने 27 मार्च, 2015 को 15 साल के एक लड़के का ठाणे के वर्तक नगर इलाके से अपहरण किया और उसे छोड़ने के एवज में एक लाख रुपये की फिरौती मांगी। उन्होंने अदालत को बताया कि लड़के के माता-पिता ने इसकी शिकायत पुलिस में की और आरोपी तथा उसके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया। अपराध में शामिल एक नाबालिग को भी हिरासत में लिया गया। ठाणे शहर पुलिस द्वारा बुधवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, अपराध का खुलासा होने पर उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की गयी और मामला ठाणे पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दिया गया। विज्ञप्ति के अनुसार, अपहृत लड़के का पता लगा कर उसे सुरक्षित मुक्त करा लिया गया। उसे 30 जनवरी 2019 को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया।
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