एनआरसी की अंतिम सूची से बड़ी संख्या में बंगालियों को बाहर रखा गया: ममता
मुख्यमंत्री ने कहा, ऐसा तब होता है जब कोई कार्य समाज की भलाई और देश के व्यापक हित के बजाय गलत उद्देश्य के लिए किया जाये। असम में बहुप्रतीक्षित एनआरसी की अद्यतन अंतिम सूची शनिवार को जारी कर दी गई।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अद्यतन अंतिम सूची को एक ‘‘विफलता’’ बताया और कहा कि इसने उन सभी को उजागर कर दिया है जो इसे लेकर ‘‘राजनीतिक लाभ’’ हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। बनर्जी ने बड़ी संख्या में बंगालियों को एनआरसी की अंतिम सूची से ‘‘बाहर’’ रखे जाने पर भी चिंता जताई। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘एनआरसी की विफलता ने उन सभी लोगों को उजागर कर दिया है जो इससे राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हें देश को बहुत जवाब देने है।’’
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मुख्यमंत्री ने कहा, ऐसा तब होता है जब कोई कार्य समाज की भलाई और देश के व्यापक हित के बजाय गलत उद्देश्य के लिए किया जाये। असम में बहुप्रतीक्षित एनआरसी की अद्यतन अंतिम सूची शनिवार को जारी कर दी गई। एनआरसी में 19 लाख से अधिक आवेदक अपना स्थान बनाने में विफल रहे।
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बनर्जी ने कहा, ‘‘मेरी हमदर्दी उन सभी, विशेषकर बड़ी संख्या में बांग्ला भाषी भाइयों और बहनों के साथ है, जो इस व्यर्थ की प्रक्रिया के कारण पीड़ित हुए हैं।’’ एनआरसी के राज्य समन्वयक कार्यालय ने एक बयान में कहा कि 3,30,27,661 लोगों ने एनआरसी में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था। इनमे से 3,11,21,004 लोगों को दस्तावेजों के आधार पर एनआरसी में शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है। जिन लोगों के नाम एनआरसी से बाहर रखे गये है, वे इसके खिलाफ 120 दिन के भीतर विदेशी न्यायाधिकरण में अपील दर्ज करा सकते हैं। यदि वे न्यायाधिकरण के फैसलों से संतुष्ट नहीं होते हैं तो वे उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय का रूख कर सकते है।
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