सर्वदलीय बैठक में भाग नहीं लेंगी ममता बनर्जी, पत्र लिखकर दी ये सलाह
बनर्जी ने आगे कहा कि पिछड़े जिलों के विकास के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस पहले ही अपने विचारों से उन्हें अवगत करा चुकी है कि वह कुछ जिलों के चयन के समर्थन में नहीं हैं क्योंकि इससे राज्य के सभी जिलों के संतुलित एवं समान विकास का समग्र लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
नयी दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राजनीतिक दलों के प्रमुखों की यहां बुधवार को होने वाली बैठक में भाग नहीं लेंगी। उन्होंने इस संबंध में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी को मंगलवार को पत्र लिखकर सरकार को सलाह दी कि वह ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर ‘‘जल्दबाजी’’ में फैसला करने के बजाए इस पर एक श्वेत पत्र तैयार करे। मोदी ने उन सभी दलों के प्रमुखों को 19 जून को बैठक के लिए आमंत्रित किया है जिनके लोकसभा या राज्यसभा में सदस्य हैं। इस बैठक में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार, 2022 में आजादी के 75वें वर्ष के जश्न, महात्मा गांधी के इस साल 150वें जयंती वर्ष को मनाने समेत कई मामलों पर चर्चा की जाएगी।
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इसके बाद 20 जून को सभी सांसद रात्रिभोज के समय बैठक करेंगे। बनर्जी ने पत्र में लिखा, ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ जैसे संवेदनशील एवं गंभीर विषय पर इतने कम समय में जवाब देने से इस विषय के साथ न्याय नहीं होगा। इस विषय को संवैधानिक विशेषज्ञों, चुनावी विशेषज्ञों और पार्टी सदस्यों के साथ विचार-विमर्श की आवश्यकता है।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘मैं अनुरोध करूंगी कि इस मामले पर जल्दबाजी में कदम उठाने के बजाए, आप कृपया सभी राजनीतिक दलों को इस विषय पर एक श्वेत पत्र भेजें जिसमें उनसे अपने विचार व्यक्त करने को कहा जाए। इसके लिए उन्हें पर्याप्त समय दिया जाए। यदि आप ऐसा करते हैं, तभी हम इस महत्वपूर्ण विषय पर ठोस सुझाव दे पाएंगे।’’
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बनर्जी ने आगे कहा कि पिछड़े जिलों के विकास के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस पहले ही अपने विचारों से उन्हें अवगत करा चुकी है कि वह कुछ जिलों के चयन के समर्थन में नहीं हैं क्योंकि इससे राज्य के सभी जिलों के संतुलित एवं समान विकास का समग्र लक्ष्य पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा राज्य सभी जिलों के समान सामाजिक एवं आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि क्षेत्रीय असंतुलन पैदा नहीं हो।’’ ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि वह और उनका दल 2022 में आजादी के 75 वर्ष पूरे होने और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष समारोहों में बढ़-चढ़ कर भाग लेंगे, लेकिन संसद की उत्पादकता में सुधार के तरीकों का मामला निचले सदन का है और संबंधित मंत्रालय को इससे निपटना चाहिए। बनर्जी पिछले सप्ताह नीति आयोग की बैठक में भी शामिल नहीं हुई थीं।
West Bengal CM & TMC Chief Mamata Banerjee has written a letter to Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi and informed him that she will be unable to attend the meeting of Presidents of all political parties, called by the Prime Minister, scheduled for tomorrow. (file pic) pic.twitter.com/u50VfHIg6T
— ANI (@ANI) June 18, 2019
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