ममता बनर्जी की जूनियर डॉक्टर्स को चेतावनी, जल्द काम पर लौटो नहीं तो होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि यह आंदोलन प्रतिद्वंद्वी दलों के षड्यंत्र का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि मैं आंदोलन की निंदा करती हूं। कनिष्ठ चिकित्सकों का आंदोलन माकपा और भाजपा का षड्यंत्र है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के आंदोलनरत कनिष्ठ चिकित्सकों से बृहस्पतिवार को अपराह्न दो बजे तक काम पर लौटने को कहा और इस निर्देश का पालन नहीं करने पर कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी। राज्य के विभिन्न हिस्सों में पिछले तीन दिनों से चिकित्सीय सेवाएं बाधित होने के मद्देनजर ममता बृहस्पतिवार को अपराह्न करीब 12 बजकर 10 मिनट पर सरकारी एसएसकेएम अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने पुलिस को परिसरों को खाली कराने का निर्देश दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मरीजों के अलावा किसी अन्य को परिसर में जाने की अनुमति नहीं दी जाए। उन्होंने चिकित्सकों को चार घंटे के भीतर काम पर लौटने को कहा था लेकिन बाद में समय-सीमा में संशोधन करके इसे अपराह्न दो बजे कर दिया।
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मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यह आंदोलन प्रतिद्वंद्वी दलों के षड्यंत्र का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि मैं आंदोलन की निंदा करती हूं। कनिष्ठ चिकित्सकों का आंदोलन माकपा और भाजपा का षड्यंत्र है। ममता के पास स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का भी प्रभार है। ममता ने दावा किया कि बाहर के लोग चिकित्सीय कॉलेजों और अस्पतालों में व्यवधान डालने के लिए घुस आए हैं। उन्होंने भाजपा पर हड़ताल को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि माकपा की मदद से भाजपा हिंदू-मुस्लिम की राजनीति कर रही है। मैं उनके बीच प्रेम को देखकर स्तब्ध हूं।
ममता ने कहा कि भाजपा प्रमुख अमित शाह अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने और फेसबुक पर दुष्प्रचार चलाने के लिए उकसा रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय ने आरोप लगाया था कि एक विशेष समुदाय के लोगों ने चिकित्सकों पर हमला किया है और ऐसा करने वाले तृणमूल कांग्रेस से संबंधित हैं। कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में एक चिकित्सक पर हमला और उसे गंभीर रूप से घायल किए जाने की घटना के बाद से चिकित्सक मंगलवार से आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने ममता के सामने ‘‘हमें न्याय चाहिए’’ के नारे भी लगाए।
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चेतावनी दिए जाने के बावजूद प्रदर्शनकारियों को एसएसकेएम अस्पताल में आंदोलन करते देखा गया। सूत्रों ने बताया कि चिकित्सकों का एक संयुक्त मंच जल्द ही राज्यपाल से मुलाकात करेगा। प्रदर्शन के मद्देनजर पिछले दो दिनों में राज्य में कई सरकारी चिकित्सीय कॉलेजों एवं अस्पतालों और कई निजी चिकित्सीय सुविधाओं में आपातकालीन वार्ड, बाह्य सुविधाएं और कई रोगविज्ञान इकाइयां बंद हैं।
.@MamataOfficial's visit to SSKM Hospital earlier today
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) June 13, 2019
এসএসকেএম হাসপাতালে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় pic.twitter.com/MgAXZh7euI
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