महुआ मोइत्रा को दिल्ली HC से झटका, निशिकांत दुबे के खिलाफ दायर याचिका खारिज, BJP सांसद का तंज

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि महुआ मित्रा ने मुझ पर और देहाद्राई पर केस कर दिया। दिल्ली HC ने साफ कहा है कि कोई केस ही नहीं था। संसदीय समिति द्वारा मेरी शिकायत सिद्ध होने पर उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता महुआ मोइत्रा की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय देहाद्राई को उनके खिलाफ कोई भी "फर्जी और अपमानजनक" सामग्री पोस्ट करने या प्रसारित करने से रोकने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने आदेश सुनाते हुए कहा, "मैंने निषेधाज्ञा आवेदन खारिज कर दिया है।" उच्च न्यायालय ने 20 दिसंबर, 2023 को मोइत्रा, दुबे और देहाद्रई के वकील की दलीलें सुनने के बाद अंतरिम याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था, वह पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से सांसद थीं।
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बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि महुआ मित्रा ने मुझ पर और देहाद्राई पर केस कर दिया। दिल्ली HC ने साफ कहा है कि कोई केस ही नहीं था। संसदीय समिति द्वारा मेरी शिकायत सिद्ध होने पर उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। पैसे के बदले में उन्होंने कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए 50 हवाई यात्राएं कीं... एफसीआरए उल्लंघन के मामले में उन्हें 7 साल तक की सजा हो सकती है... जब मामला आगे बढ़ेगा तो सच्चाई की और भी परतें सामने आएंगी। जैसे-जैसे जांच बढ़ेगी, महुआ मित्रा का घिनौना पक्ष सामने आएगा।
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निष्कासित टीएमसी सांसद ने उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किए गए अपमानजनक, झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयान देने, प्रकाशित करने और प्रसारित करने से कई मीडिया संगठनों के साथ-साथ दुबे और देहाद्राई को स्थायी रूप से रोकने के लिए मुकदमा दायर किया था। उन्होंने देहाद्राई को दुबे को लिखे 14 अक्टूबर, 2023 के पत्र को वापस लेने का निर्देश देने की भी मांग की थी। अंतरिम याचिका में टीएमसी नेता ने दुबे और देहाद्राई को उनकी ओर से पोस्ट करने, अपलोड करने, किसी भी झूठी अपमानजनक सामग्री को वितरित करने से रोकने का भी आग्रह किया था और फोटो सहित सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ पोस्ट की गई कथित अपमानजनक सामग्री को हटाने की भी मांग की थी।
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