Maharashtra: उद्धव धड़े की नेता मनीषा कायंदे शिंदे नीत शिवसेना में शामिल होंगी
शिवसेना (यूबीटी) के नेता विनायक राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) छोड़ने के बाद हमारे साथ आईं, उन्हें सब कुछ मिला और अब चूंकि उन्हें फिर से विधान परिषद में नामित किए जाने की संभावना नहीं है, इसलिए उन्होंने (पार्टी) छोड़ने का फैसला किया।’’
मुंबई। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की नेता एवं विधान पार्षद मनीषा कायंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में रविवार शाम शामिल होंगी। शिंदे की पार्टी के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। यह घटनाक्रम उस दिन हुआ, जब शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे मुंबई में अपने दल के कार्यकर्ताओं के राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करने वाले हैं। शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं ने कायंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि संगठन में सब कुछ मिलने के बावजूद उन्होंने इसे छोड़ने का फैसला किया। शिवसेना (यूबीटी) के नेता विनायक राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) छोड़ने के बाद हमारे साथ आईं, उन्हें सब कुछ मिला और अब चूंकि उन्हें फिर से विधान परिषद में नामित किए जाने की संभावना नहीं है, इसलिए उन्होंने (पार्टी) छोड़ने का फैसला किया।’’
पूर्व विधायक शिशिर शिंदे ने भी शनिवार को ठाकरे नीत पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। शिवसेना के प्रवक्ता एवं विधायक संजय शिरसाट ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि कायंदे कई अन्य नेताओं के साथ मुख्यमंत्री शिंदे के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में उनकी मौजूदगी में शाम पांच बजे पार्टी में शामिल होंगी। शिरसाट ने शिशिर शिंदे का नाम नहीं लिया, लेकिन दावा किया कि कई अन्य नेता मुख्यमंत्री नीत दल में शामिल होंगे। शिरसाट ने उद्धव ठाकरे गुट को छोड़ने वालों की आलोचना करने, लेकिन अपने नए सहयोगी एवं वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर के (औरंगाबाद में) मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र पर जाने को लेकर चुप रहने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे की निंदा की।
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कायंदे राज्य विधान परिषद की सदस्य हैं और उनका कार्यकाल 27 जुलाई, 2024 को समाप्त होगा। शिंदे और 39 अन्य शिवसेना विधायकों के महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकरे के खिलाफ विद्रोह करने के बाद पिछले साल जून में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस की महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी। इसके बाद शिंदे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोग से मुख्यमंत्री बने और भारत निर्वाचन आयोग ने उनके धड़े को मूल पार्टी का नाम और ‘धनुष-बाण’ चुनाव चिह्न आवंटित किया, जबकि ठाकरे के धड़े को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)नाम दिया गया।
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