महाराष्ट्र: न्यायाधिकरण ने मृतक के परिजन को डेढ़ करोड़ रु का मुआवजा देने का आदेश दिया

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न्यायाधिकरण ने आदेश में कहा कि अगर वे निर्धारित अवधि के भीतर भुगतान करने में विफल रहते हैं तो राशि पर 8.50 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज लगेगा। आदेश की एक प्रति बृहस्पतिवार को उपलब्ध कराई गई।

मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2021 में सड़क दुर्घटना में मारे गए एक कंपनी के मालिक के परिवार को डेढ़ करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

यह दुर्घटना 13 फरवरी 2021 को उस समय हुई थी, जब पीड़ित लक्ष्मीनारायण तरणीराव पुलकाला (31) अपनी मोटरसाइकिल पर सवार होकर पालघर जिले के बोईसर की ओर जा रहे थे। पीछे से आ रहे एक ट्रक ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे वह नीचे गिर गए और ट्रक उनके सिर को कुचलता हुआ गुजर गया।

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता सचिन एल. माने ने न्यायाधिकरण को बताया कि पीड़ित की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे में मारा गया व्यक्ति श्रमिक आपूर्तिकर्ता कंपनी का मालिक था और उसकी वार्षिक आय 12.95 लाख रुपये थी।

इस मामले में याचिकाकर्ता के रूप में मृतक की पत्नी, मां और नाबालिग बच्चे ने 2.17 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की थी। न्यायाधिकरण के समक्ष उस ट्रक मालिक के उपस्थित नहीं होने पर 17 दिसंबर को उसके खिलाफ एकपक्षीय आदेश पारित कर दिया गया।

एमएसीटी के सदस्य एस.एन. शाह ने ट्रक के मालिक और उसके बीमाकर्ता को संयुक्त रूप से तथा अलग-अलग निर्देश दिया कि वे दावा दायर करने की तिथि से राशि की वसूली तक प्रति वर्ष आठ प्रतिशत की दर से ब्याज के साथ व्यक्ति के परिवार को भुगतान करें।

न्यायाधिकरण ने आदेश में कहा कि अगर वे निर्धारित अवधि के भीतर भुगतान करने में विफल रहते हैं तो राशि पर 8.50 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज लगेगा। आदेश की एक प्रति बृहस्पतिवार को उपलब्ध कराई गई।

मुआवजे की राशि के वितरण के संबंध में न्यायाधिकरण ने आदेश दिया कि 70 लाख रुपये व्यक्ति की पत्नी को दिए जाएं, 30 -30 लाख रुपये उसके और उसके बच्चे के नाम पर सावधि जमा में रखे जाएं तथा 20.1 लाख रुपये मृतक की मां को दिए जाएं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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