Prabhasakshi NewsRoom: NCP पर कब्जे की लड़ाई तेज, विधायक अजित के साथ, पवार पहुँचे जनता के बीच

Ajit Pawar
ANI

विधायकों और कार्यकर्ताओं का अजित पवार के घर पहुँचने और उनको समर्थन देने का सिलसिला जारी है। हम आपको यह भी बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा है कि राकांपा के मौजूदा घटनाक्रमों का विपक्षी दलों की एकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बनने के बाद एनसीपी नेता अजित पवार ने आज अपने आवास पर पार्टी कोटे के मंत्रियों की बैठक बुलाकर आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया तो दूसरी ओर एनसीपी के विधायक उनके पक्ष में लामबंद हो रहे हैं। इस समय जो स्थिति दिख रही है वह यही है कि एनसीपी के अधिकांश विधायक अजित पवार के साथ दिख रहे हैं और सभी का यह भी दावा है कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में बने हुए हैं। दूसरी ओर एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि शिंदे-फडणवीस सरकार को समर्थन देने का निर्णय देश और महाराष्ट्र के हित में लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा है कि एनसीपी आगामी चुनाव भाजपा और शिवसेना के साथ मिलकर लड़ेगी। प्रफुल्ल पटेल ने यह भी कहा है कि विपक्ष में कोई ऐसा नेता नजर नहीं आता जो केंद्र स्तर पर मुख्य भूमिका निभा सके। दूसरी ओर एनसीपी की ही कार्यकारी अध्यक्ष और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा है कि अजित पवार ने जो निर्णय लिया वह उनका अपना निर्णय है लेकिन इसके लिए मैं उनसे लड़ूंगी नहीं। इस बीच, शरद पवार भी कार्यकर्ताओं और पार्टी नेताओं से मुलाकात का सिलसिला शुरू कर चुके हैं। इस क्रम में वह सोमवार सुबह सतारा पहुँचे हैं। इसके अलावा एनसीपी का अधिकार हासिल करने की लड़ाई भी अब शुरू हो चुकी है। अजित पवार और उनके साथ मंत्री बने विधायकों के खिलाफ जहां विधानसभा अध्यक्ष को अयोग्यता संबंधी याचिका दी गयी है वहीं अजित गुट निर्वाचन आयोग के समक्ष पार्टी पर दावा करने की कार्रवाई करने जा रहा है।

सुप्रिया सुले की प्रतिक्रिया

इस बीच, विधायकों और कार्यकर्ताओं का अजित पवार के घर पहुँचने और उनको समर्थन देने का सिलसिला जारी है। हम आपको यह भी बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा है कि राकांपा के मौजूदा घटनाक्रमों का विपक्षी दलों की एकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुप्रिया सुले ने कहा कि इस घटनाक्रम के बाद उनके पिता और राकांपा प्रमुख शरद पवार का कद और बढ़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पार्टी की विश्वसनीयता में भी और इजाफा होगा।’’ सुले ने यह भी कहा कि अजित पवार के भिन्न विचार हो सकते हैं, लेकिन वह अपने बड़े भाई से कभी नहीं लड़ सकतीं और हमेशा एक बहन की तरह उनसे प्रेम करेंगी। सुले ने कहा कि 2019 में जब अजित पवार पहली बार देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली अल्पकालिक सरकार का हिस्सा बने थे, तब से अब तक वह पार्टी की जिम्मेदारियों को लेकर काफी परिपक्व हो गई हैं।

इसे भी पढ़ें: Maharashtra Political Crisis पर आया संजय राउत का बयान, कहा- शिंदे की जाने वाली है कुर्सी

विधानसभा अध्यक्ष तक पहुँचा मामला

दूसरी ओर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा है कि उनकी पार्टी ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और मंत्री पद की शपथ लेने वाले आठ अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाटिल ने कहा कि अयोग्यता याचिका विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग को भी एक ई-मेल भेजा गया है, जिसमें बताया गया है कि राकांपा के नेता और कार्यकर्ता पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ हैं। इस बीच, महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि वह राकांपा की अजित पवार, आठ अन्य विधायकों को अयोग्य करार देने की याचिका पर उचित फैसला लेंगे।

एनसीपी पर कब्जे की लड़ाई तेज

इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कहा है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल हुए अजित पवार के पास 36 विधायकों का समर्थन नहीं है, जैसा कि दावा किया जा रहा है। राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने यह भी दावा किया कि पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और प्रदेश इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल सभी 53 विधायकों से संपर्क कर रहे हैं और जल्द ही तस्वीर साफ हो जाएगी। हम आपको बता दें कि महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में राकांपा के 53 विधायक हैं। दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों को लागू करने से रोकने के लिए अजित पवार को कम से कम 36 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। क्रैस्टो ने कहा, “अजित पवार के पास 36 विधायकों का समर्थन नहीं है, जैसा कि दावा किया जा रहा है।” 

जश्न का माहौल

उधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार के समर्थकों ने उनके महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में शामिल होने और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बारामती में पटाखे फोड़कर जश्न मनाया। बारामती के विधायक अजित पवार के समर्थकों ने कहा, “हम अजित दादा के साथ हैं। वह जो भी निर्णय लेंगे, हम उसे स्वीकार करेंगे।” समर्थकों ने दावा किया कि बारामती के अधिकांश युवा और सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले लोग अजित पवार के साथ हैं। हम आपको बता दें कि बारामती पवार परिवार का गढ़ कहलाता है। अजित पवार की चचेरी बहन सुप्रिया सुले यहां से लोकसभा सांसद हैं।

नया रिकॉर्ड बना

हम आपको यह भी बता दें कि अजित पवार के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद ऐसा पहली बार है, जब राज्य में दो उपमुख्यमंत्री होंगे। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस भी महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं। महाराष्ट्र में पहली बार उपमुख्यमंत्री पद तब बनाया गया था, जब राज्य में कांग्रेस (ओ) और कांग्रेस (इंदिरा) की सरकार थी। वसंतदादा पाटिल कांग्रेस (ओ) से मुख्यमंत्री थे और नासिक राव तिरपुडे पांच मार्च 1978 से उस वर्ष 18 जुलाई तक राज्य के पहले उपमुख्यमंत्री रहे थे। इसके अलावा, अलग-अलग सरकारों के कार्यकाल में कई अन्य नेता उपमुख्यमंत्री रहे। हालांकि, यह पहली बार है जब महाराष्ट्र में दो उपमुख्यमंत्री हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़