Senthil Balaji Arrest Case | सेंथिल बालाजी केस में मद्रास हाई कोर्ट का खंडित फैसला, मामले को बड़ी पीठ को भेजा
ईडी द्वारा सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी: मद्रास उच्च न्यायालय ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर खंडित फैसला दिया, मामले को बड़ी पीठ को भेजा।
तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की पत्नी मेगाला की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर मद्रास हाई कोर्ट ने मंगलवार को खंडित फैसला सुनाया। न्यायाधीश निशा बानू और भरत चक्रवर्ती ने खंडित फैसला सुनाया। पीठ ने मामले को बड़ी पीठ के पास भेज दिया। जस्टिस निशा बानो ने कहा कि सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी असंवैधानिक थी। दूसरी ओर, न्यायमूर्ति भरत चक्रवर्ती ने कहा, सेंथिल बालाजी को अस्पताल से छुट्टी के बाद जेल भेजा जाना चाहिए।
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सेंथिल बालाजी मामले में मद्रास हाई कोर्ट का खंडित फैसला
इससे पहले याचिका में मंत्री की पत्नी ने दावा किया था कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी अवैध थी। मद्रास उच्च न्यायालय ने सेंथिल बालाजी की हिरासत मामले में खंडित फैसला सुनाया और बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को बड़ी पीठ के पास भेज दिया गया है।
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मंत्री की गिरफ्तारी अवैध थी?
मंत्री की पत्नी मेगाला द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को अब एक बड़ी पीठ को भेज दिया गया है। मंत्री की पत्नी ने अपनी याचिका में दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मंत्री की गिरफ्तारी अवैध थी।
(अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है)
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