Parliament Diary: भारी हंगामे के चलते आज भी नहीं चली संसद, राहुल गांधी की ओर से की गयी धक्कामुक्की में घायल हुए दो भाजपा सांसद ICU पहुँचे

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राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर संसद के प्रवेश द्वार पर महिला भाजपा सांसदों के खिलाफ बल प्रयोग करने का आरोप लगाया, जिसके बाद हंगामे के चलते उच्च सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबासाहेब डॉ. भीम राव आंबेडकर के संदर्भ में की गयी एक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के जोरदार हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों में आज भी कोई कामकाज नहीं हो पाया और बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। इसके अलावा संसद परिसर में राहुल गांधी की ओर से की गयी धक्कामुक्की के दौरान घायल हुए दो भाजपा सांसदों के मुद्दे पर भी विपक्षी दल को जमकर घेरा जा रहा है। सुबह विपक्षी सदस्यों ने संसद परिसर में मार्च निकाला तो भाजपा सांसदों ने कांग्रेस पर बाबासाहेब के अपमान का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। संसद भवन के ‘मकर द्वार’ के निकट सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य एक दूसरे के सामने आ गए और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान हुई धक्कामुक्की में दो भाजपा सांसद घायल हो गये।

अस्पताल के डॉक्टर का बयान

जहां तक घायल भाजपा सांसदों की बात है तो आपको बता दें कि दो सांसदों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शुक्ला ने कहा कि ओडिशा के प्रताप चंद्र सारंगी (69) और उत्तर प्रदेश के मुकेश राजपूत को सिर में चोट लगने के कारण संसद से अस्पताल लाया गया। चिकित्सक ने कहा, "सारंगी का बहुत खून बह रहा था। उनके माथे पर गहरा घाव था। टांके लगाने पड़े। जब उन्हें लाया गया तो उनका रक्तचाप काफी बढ़ा हुआ था।” डॉ. शुक्ला ने कहा, "राजपूत के सिर में भी चोट लगी जिसके तुरंत बाद वह बेहोश हो गए। हालांकि, जब सांसद को अस्पताल लाया गया तो वह होश में थे। उनका रक्तचाप स्तर भी बढ़ गया था।" आरएमएल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि दोनों सांसदों को दवाएं दी गई हैं, जबकि सिर के सीटी स्कैन और हृदय परीक्षण जैसी जांच जारी हैं। चिकित्सक ने कहा, "वे दोनों आईसीयू में हैं।"

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लोकसभा की कार्यवाही

दूसरी ओर, दोनों सदनों की कार्यवाही की बात करें तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबासाहेब डॉ. भीम राव आंबेडकर के संदर्भ में की गयी एक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के जोरदार हंगामे के कारण लोकसभा में कोई विधायी कार्य नहीं हो सका तथा बैठक एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। पहले पूर्वाह्न 11 बजे सदन जैसे ही समवेत हुआ, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पूर्व सदस्य कांग्रेस के ईवीकेएस एलंगोवन के निधन के बारे में सूचित किया और उनके राजनीतिक जीवन का संक्षिप्त उल्लेख किया। इसके बाद सदन ने कुछ पल मौन रखकर दिवंगत पूर्व सदस्य को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद, कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने शाह की टिप्पणी से जुड़ा विषय सदन में उठाने का प्रयास करते हुए हंगामा किया, जबकि सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी मुख्य विपक्षी दल पर संविधान निर्माता के अपमान का आरोप लगाते हुए प्रतिवाद किया। भारी हंगामे के कारण बिरला ने पूर्वाह्न 11 बजकर तीन मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर राज्यसभा में दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया। मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया, जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं, ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर...। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’ दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया और उन्हें चुनाव तक हरवाया।

राज्यसभा की कार्यवाही

वहीं राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर संसद के प्रवेश द्वार पर महिला भाजपा सांसदों के खिलाफ बल प्रयोग करने का आरोप लगाया, जिसके बाद हंगामे के चलते उच्च सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, भाजपा ने राहुल गांधी के कथित दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाया और उनसे तथा कांग्रेस से सदन तथा पूरे देश से माफी की मांग की। राज्यसभा में सदन के नेता जगत प्रकाश नड्डा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर संसद परिसर में एक महिला सांसद सहित प्रदर्शन कर रहे पार्टी सांसदों के साथ धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाते हुए मांग की कि उच्च सदन में एक प्रस्ताव पारित कर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के इस आचरण की ‘‘एक स्वर’’ में निंदा की जानी चाहिए। उच्च सदन में एक बार के स्थगन के बाद दोबारा बैठक शुरू होने पर नड्डा ने कहा कि जिस प्रकार से संसद में संविधान पर चर्चा हुई उससे कांग्रेस पार्टी पूरी तरह बेनकाब हो गयी है। नड्डा ने आरोप लगाया कि पिछले 75 साल में कांग्रेस पार्टी ने संविधान का दुरुपयोग करने की कोशिश की, यह बात सदन के माध्यम से देश की जनता के सामने पहुंची। उन्होंने कहा कि इसके कारण ‘‘ये (कांग्रेस सदस्य) बौखला गये हैं, आपा खो बैठे हैं। आज नेता प्रतिपक्ष श्रीमान राहुल गांधी ने जिस प्रकार गैर प्रजातांत्रिक तरीके से, प्रदर्शन कर रहे हमारे सांसदों से धक्का मुक्की की, जिसमें हमारे दो सांसद घायल हुए। (वे) राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हुए हैं। उनका इलाज चल रहा है।’’ भाजपा प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारी बहन (फान्गनॉन) कोन्याक, जो इस सदन की महिला सदस्य हैं, को नेता प्रतिपक्ष ने जिस प्रकार धक्का दिया वह शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना है। यह विशेषाधिकार का मामला है।’’ इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें कोन्याक की ओर से एक संदेश मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘वह मेरे कक्ष में आकर मुझसे मिली थीं। उनकी आँखों में से आँसू निकल रहे थे। उनका कहना था कि वह इस बात पर भरोसा ही नहीं कर पा रही हैं कि कोई सांसद किसी अन्य सांसद के साथ ऐसा बर्ताव करेगा। मैं इस मामले पर गौर कर रहा हूं।’’ नड्डा ने कहा कि वह एक प्रस्ताव लाने की पेशकश करते हैं जिसमें पूरे सदन द्वारा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के इस कृत्य के लिए एक स्वर में निंदा की जाए। भाजपा अध्यक्ष जिस समय सदन में यह मांग उठा रहे थे, उसी समय उनकी पार्टी की महिला सदस्य आगे की पंक्तियों की तरफ आकर कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी कर रही थीं। 

हम आपको बता दें कि नगालैंड की भाजपा सदस्य फान्गनॉन कोन्याक ने आरोप लगाया कि वह जब संसद के मकर द्वार के पास अन्य सांसदों के साथ प्रदर्शन कर रही थीं तभी लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी उनके समीप आ गये और उन पर चिल्लाने लगे। कोन्याक ने आसन की अनुमति से अपनी बात रखी और यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह इस घटना को बहुत ही दुखी मन से बयान कर रही हैं।

सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में व्यवस्था बनाने की कोशिश करते हुए कहा कि वह भाजपा की शिकायत पर गौर कर रहे हैं। इस बीच, द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा ने कहा कि भाजपा की शिकायत में केवल एक पक्ष का उल्लेख है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के हंगामे के बीच सभापति ने कार्यवाही दोपहर दो बज कर करीब दस मिनट पर शुक्रवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले, सुबह 11 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर, विपक्षी दलों के सदस्यों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पर की गई टिप्पणी के मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया, जिसके कारण बैठक आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बैठक ‘जय भीम’ के नारे से ही आरंभ हुई और हंगामा भी शुरू हो गया। सभापति धनखड़ ने इसके बीच ही आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने सदन को सूचित किया कि उन्हें नियम 267 के तहत चार नोटिस मिले हैं। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जॉन ब्रिटास ने केंद्रीय गृह मंत्री के बयान पर चर्चा के लिए नोटिस दिए थे जबकि चौथा नोटिस समाजवादी पार्टी (सपा) के रामजी लाल सुमन का था। उन्होंने किसानों की हालत पर चर्चा करने के लिए नियत कामकाज स्थगित करने का अनुरोध किया था। सभापति ने कहा कि पिछले तीन दशकों में नियम 267 के तहत जो नोटिस स्वीकार किए गए हैं, उनकी संख्या दहाई अंक में भी नहीं है। इस पर कांग्रेस के सुरजेवाला ने कहा कि आज तक सदन में बाबा साहेब का अपमान भी नहीं हुआ है।

विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सभापति ने कहा कि सदन में इस तरह अराजकता का माहौल नहीं बनाने दिया जा सकता। इसके बाद उन्होंने 11 बजकर 11 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। ज्ञात हो कि इसी मुद्दे पर बुधवार को संसद में जोरदार हंगामा हुआ था। इसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही एक एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया। मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं कि ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर...। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’

धनखड़ के खिलाफ प्रस्ताव खारिज

इस बीच, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने विपक्ष का वह नोटिस खारिज कर दिया जिसमें पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन के संचालन का आरोप लगाते हुए सभापति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने की मांग की गई थी। हरिवंश ने यह कहते हुए विपक्ष का नोटिस खारिज कर दिया कि यह तथ्यों से परे है और इसका मकसद केवल प्रचार हासिल करना है। उपसभापति ने कहा कि धनखड़ के खिलाफ नोटिस अनुचित और त्रुटिपूर्ण है, जिसे उपराष्ट्रपति की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए जल्दबाजी में तैयार किया गया है। राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को सौंपे अपने फैसले में हरिवंश ने कहा कि नोटिस देश की संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा कम करने और मौजूदा उपराष्ट्रपति की छवि खराब करने की साजिश का हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने सभापति धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद से हटाने के लिए प्रस्ताव लाने संबंधी नोटिस 10 दिसंबर को राज्यसभा के महासचिव को सौंपा था। विपक्ष ने कहा था कि धनखड़ द्वारा ‘अत्यंत पक्षपातपूर्ण’ तरीके से राज्यसभा की कार्रवाई संचालित करने के कारण यह कदम उठाना पड़ा है।

नोटिस पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, द्रमुक, समाजवादी पार्टी और कई अन्य विपक्षी दलों के 60 नेताओं ने हस्ताक्षर किए थे। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, द्रमुक नेता तिरुचि शिवा और तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने इस नोटिस पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय, राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी, मुख्य सचेतक जयराम रमेश, वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला तथा कई अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने धनखड़ के खिलाफ दिए गए नोटिस पर हस्ताक्षर किए थे।

सांसद पुलिस थाने पहुंचे

उधर, संसद के प्रवेश द्वार पर बृहस्पतिवार को विपक्षी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सांसदों के बीच हुई धक्का-मुक्की के मामले में शिकायत दर्ज कराने अनुराग ठाकुर और बांसुरी स्वराज समेत राजग के तीन सांसद संसद मार्ग पुलिस थाने पहुंचे। एक अधिकारी ने बताया कि ठाकुर और स्वराज ने तेलुगू देशम पार्टी के एक सांसद के साथ पुलिस थाने में वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सारंगी और राजपूत को फोन कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली है। वहीं कांग्रेस सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

प्रियंका गांधी का आरोप

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने राहुल गांधी द्वारा धक्का-मुक्की करने संबंधी भारतीय जनता पार्टी के आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि यह सब गृह मत्री अमित शाह की खाल बचाने के लिए रची गई साजिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सांसदों ने ‘गुंडागर्दी’ की और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को धक्का मारकर नीचे गिरा दिया। प्रियंका गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘राहुल जी आंबेडकर की तस्वीर लेकर और ‘जय भीम’ के नारे लगाते हुए संसद में जा रहे थे। उन्हें संसद में जाने से किसने रोका? हम कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन किसी को नहीं रोका।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘सिर्फ अमित शाह जी की खाल बचाने के लिए यह साजिश रची गयी है कि भैया (राहुल) ने किसी को धक्का मारा है। मेरी आंखों के सामने खरगे जी को धक्का मारकर जमीन पर गिरा दिया गया। इसके बाद माकपा के एक सांसद को धक्के मारकर उनके ऊपर गिरा दिया गया।’’ प्रियंका गांधी ने भाजपा नेताओं को चुनौती दी कि अगर वे बाबासाहेब आंबेडकर का सम्मान करते हैं तो ‘जय भीम’ का नारा लगाकर दिखाएं। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘अगर देश को कोई भ्रम था तो वो अब दूर हो जाना चाहिए कि ये लोग संविधान की रक्षा करेंगे। इनकी असली भावना अमित शाह के मुंह से निकल गई है।’’

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