लेफ्ट की साजिश बेनकाब, आइशी घोष समेत 9 संदिग्धों की दिल्ली पुलिस ने की पहचान
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। लेकिन यह देखा गया है कि इन मामलों से संबंधित बहुत सारी गलत सूचनाएं फैलाई जा रही है।
नयी दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। लेकिन यह देखा गया है कि इन मामलों से संबंधित बहुत सारी गलत सूचनाएं फैलाई जा रही है। जेएनयू में हमला करने वाले नौ संदिग्ध हमलावरों की पहचान की गई है। आइशी घोष समेत इसमें चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, योगेंद्र भारद्वाज, प्रिया रंजन, विकास पटेल, डोलन शामिल हैं।
Dr Joy Tirkey, DCP/Crime: Those identified include- Chunchun Kumar, Pankaj Mishra, Aishe Ghosh (JNUSU President elect), Waskar Vijay, Sucheta Talukraj, Priya Ranjan, Dolan Sawant, Yogendra Bhardwaj, Vikas Patel #JNUViolence https://t.co/FUzuYeMNwE
— ANI (@ANI) January 10, 2020
दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत कुछ लोगों ने पांच जनवरी को पेरियार छात्रावास में छात्रों पर हमला किया। जेएनयू के पेरियार छात्रावास में कुछ खास कमरों को निशाना बनाया।
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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को नौ संदिग्धों की तस्वीर जारी की और दावा किया कि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष उनमें से एक थीं। पुलिस ने कहा कि नौ में से सात वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े हैं जबकि दो दक्षिणपंथी छात्र संगठन से जुड़े हैं। मामले की जांच कर रहे अपराध शाखा के उपायुक्त जॉय तिर्की ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक जनवरी से पांच जनवरी के बीच काफी संख्या में छात्र शीतकालीन सेमेस्टर में पंजीकरण कराना चाहते थे लेकिन वामपंथी झुकाव वाले संगठन उन्हें ऐसा नहीं करने दे रहे थे। डीसीपी ने पांच जनवरी को हुए हमले के सिलसिले में कहा कि विश्वविद्यालय के पेरियार छात्रावास के कुछ खास कमरों को निशाना बनाया गया। पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि आइशी घोष समेत कुछ लोगों ने हॉस्टल में छात्रों पर हमला किया। हमले में घायल हुईं घोष ने हालांकि आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस के पास जो भी साक्ष्य हैं उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए।
Delhi Police PRO, MS Randhawa: The investigation regarding the criminal cases filed in connection with #JNUViolence incident is being done by Crime Branch. But it has been observed that a lot of misinformation related to these cases is being circulated. pic.twitter.com/aR6PrcjUXM
— ANI (@ANI) January 10, 2020
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