नेताओं को गांधीजी के शांति और सांप्रदायिक सौहार्द के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए: ममता
बनर्जी ने मायो रोड पर महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आयोजित समारोहों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘न केवल हम बल्कि पूरी दुनिया ने गांधी जी के अहिंसा, सत्याग्रह और शांति के सिद्धांतों से सीखा है।
कोलकाता। भाजपा नेतृत्व पर निशाना साधते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि देश के नेता को सभी धर्मों और समुदायों को साथ लेकर चलने के गांधीजी के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। भाजपा के किसी नेता का नाम लिए बगैर बनर्जी ने कहा कि गांधी जी को उनकी 150वीं जयंती पर सबसे अच्छी श्रद्धांजलि यह होगी कि शांति, अहिंसा और सांप्रदायिक सौहार्द के उनके सिद्धांतों का पालन किया जाए।
No national leader should create divisions and distrust: Mamata Banerjee
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) October 2, 2019
বিভেদ-বিদ্বেষ ছড়ানো কোনও দেশনেতার উদ্দেশ্য হওয়া উচিৎ নাঃ মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়
Read More >> https://t.co/Ur8jViz0OY pic.twitter.com/apFU3lMU70
बनर्जी ने मायो रोड पर महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आयोजित समारोहों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘न केवल हम बल्कि पूरी दुनिया ने गांधी जी के अहिंसा, सत्याग्रह और शांति के सिद्धांतों से सीखा है। हम (टीएमसी) दूसरों को सलाह नहीं देना चाहते लेकिन हम सिर्फ इतना कहेंगे कि देश के नेता को नेताजी सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी की तरह होना चाहिए जिन्होंने सभी समुदायों, जातियों और सभी धर्म के लोगों को साथ लेकर देश का नेतृत्व किया।’’ देश के नेता को लोगों को विभाजित नहीं करना चाहिए या हिंसा नहीं करनी चाहिए। बनर्जी ने कहा, ‘‘गांधीजी ने हमें अहिंसा और शांति का पाठ पढ़ाया। उनके सिद्धांतों और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष ने एकजुट तथा धर्मनिरपेक्ष भारत के विचार को मजबूती दी है।’’
इसे भी पढ़ें: शाह के बयान पर ममता का पलटवार, कहा- बंगाल में काम नहीं करेगी विभाजनकारी राजनीति
बनर्जी भाजपा और इसके द्वारा प्रस्तावित विवादास्पद राष्ट्रीय नागरिक पंजी की धुर विरोधी रही हैं। मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की और उनकी 150वीं जयंती पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को गिनाया। ममता ने कहा कि देश जब 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता का जश्न मना रहा था तो वह सांप्रदायिक दंगों का विरोध करने के लिए कोलकाता में थे।
अन्य न्यूज़