तीन तलाक पर कानून किसी को परेशान करने के लिए नहीं: नकवी

Law on three divorces not to disturb anyone: Naqvi

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि एक बार में तीन तलाक के खिलाफ प्रस्तावित कानून का मकसद किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि मुस्लिम महिलाओं को संवैधानिक अधिकार दिलाना है।

अलवर (राजस्थान)। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि एक बार में तीन तलाक के खिलाफ प्रस्तावित कानून का मकसद किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि मुस्लिम महिलाओं को संवैधानिक अधिकार दिलाना है। नकवी ने यहां मंत्रालय की ओर से आयोजित 'प्रोग्रेस पंचायत' में कहा, "तीन तलाक का मुद्दा बहुत लंबे समय से परेशानी का विषय बना हुआ था।

सरकार इसको लेकर कानून ला रही है। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह कानून किसी को परेशान करने के लिए नहीं बन रहा है, बल्कि यह मुस्लिम महिलाओं को उनका संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिये है।" बीते शुक्रवार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक' को मंजूरी प्रदान की।

संसद के वर्तमान सत्र में इस विधेयक को पेश किए जाने की सम्भावना है। इस प्रस्तावित कानून में तीन तलाक देने वाले पति को तीन साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नकवी ने नयी हज नीति के तहत 'मेहरम' की शर्त खत्म किये जाने के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, "मोदी जी की सरकार ने यह बड़ा फैसला किया। इसके उत्साहजनक परिणाम आए हैं।"

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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