कानून मंत्री ने लोकसभा में पेश किया तीन तलाक बिल, कांग्रेस ने किया विरोध
प्रसाद ने संविधान की प्रक्रियाओं का हवाला देते हुए कहा कि एक बार फिर से बिल को सदन के पटल पर रखते हुए कहा कि जनता ने हमें कानून बनाने के लिए चुना है और कानून पर बहस अदालत में होती है और कोई लोकसभा को अदालत न बनाए।
नई दिल्ली। सत्रहवीं लोकसभा के पांचवें दिन सदन में एक बार में तीन तलाक को गैर कानूनी ठहराने वाला मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक पेश किया गया। काकनू मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बिल को पेश करते हुए कहा कि हमने पिछली सरकार में इस बिल को लोकसभा से तो पारित करा लिया था लेकिन राज्यसभा में यह बिल पास नहीं हो सका था।
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प्रसाद ने संविधान की प्रक्रियाओं का हवाला देते हुए कहा कि एक बार फिर से बिल को सदन के पटल पर रखते हुए कहा कि जनता ने हमें कानून बनाने के लिए चुना है और कानून पर बहस अदालत में होती है और कोई लोकसभा को अदालत न बनाए। मंत्री ने कहा कि यह सवाल सियासत या इबादत का नहीं बल्कि नारी न्याय का सवाल है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में कहा गया है कि किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता, इसलिए यह संविधान के खिलाफ कतई नहीं है बल्कि उनके अधिकारों से जुड़ा हैं।
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बता दें कि 17वीं लोकसभा के गठन के बाद नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बिल है। लोकसभा में हंगामें के बीच रविशंकर प्रसाद ने इन्स्टैंट ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी बनाने के लिए बिल पेश किया। लेकिन तीन तलाक बिल का कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विरोध किया है।
Lok Sabha: Congress MP Shashi Tharoor opposes the introduction of Triple Talaq Bill 2019 https://t.co/sRIK6NfbNi
— ANI (@ANI) June 21, 2019
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