बेदखल किये जाने पर कानून का सहारा लिया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की पीठ ने कहा कि कोई व्यक्ति असली मालिक नहीं है, लेकिन प्रतिकूल कब्जे के सिद्धांत की वजह से संपत्ति पर अधिकार हासिल कर लेता है, तो संपत्ति से जबर्दस्ती बेदखल किये जाने की स्थिति में कब्जा हासिल करने के लिये वाद दायर कर सकता है।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि 12 साल तक कब्जा रखने की वजह से संपत्ति पर अधिकार हासिल कर चुका व्यक्ति मूल मालिक या किसी अन्य पक्ष द्वारा जबरन बेदखल किये जाने की स्थिति में उसका कब्जा फिर से पाने के लिये वाद दायर कर सकता है।
इसे भी पढ़ें: राजनाथ का दावा, कश्मीर पर फैसले के लिए मोदी सरकार-1 में ही कार्य शुरू हो गए थे
शीर्ष अदालत ने ‘प्रतिकूल कब्जे के सिद्धांत’ का उल्लेख किया, जिसके तहत कोई व्यक्ति जो मूल मालिक नहीं है वह कम से कम 12 साल तक संपत्ति का कब्जा रखने की वजह से मालिक बन जाता है, बशर्ते असली मालिक ने उसे बेदखल करने के लिये कानून का सहारा नहीं लिया हो। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की पीठ ने कहा कि कोई व्यक्ति असली मालिक नहीं है, लेकिन प्रतिकूल कब्जे के सिद्धांत की वजह से संपत्ति पर अधिकार हासिल कर लेता है, तो संपत्ति से जबर्दस्ती बेदखल किये जाने की स्थिति में कब्जा हासिल करने के लिये वाद दायर कर सकता है।
इसे भी पढ़ें: बाढ़ की चपेट में देश के कई इलाके, राहुल बोले- मदद के लिए PM से करूंगा बात
पीठ ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि कानून की उचित प्रक्रिया अपनाए बिना किसी संपत्ति पर कब्जा रखने वाले व्यक्ति को कोई दूसरा व्यक्ति बेदखल नहीं कर सकता और प्रतिकूल कब्जे की 12 साल की अवधि बीत जाने पर उसे हटाने का अधिकार मूल मालिक का भी समाप्त हो जाता है और जिस व्यक्ति के पास संपत्ति का कब्जा है उसे उस पर अधिकार, मालिकाना हक और स्वामित्व मिल जाता है।’’
अन्य न्यूज़