15 हजार 256 फुट की ऊंचाई पर स्थित देश के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र टशीगंग गांव में राज्य सरकार ने पहुंचाया नल से जल
कोविड-19 की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद भी राज्य सरकार प्रदेश में जल जीवन मिशन को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित कर रही है। हर घर, नल से पेयजल पहुंचाने की राज्य सरकार की योजना को धरातल पर उतारने के लिए प्रभावी तरीके से कार्य किया जा रहा है, जिसके चलते यह पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में देशभर में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्यों में अग्रणी स्थान पर है।
शिमला । प्रदेश के हर परिवार को उसके घर पर आसानी से पेयजल मिले और लोगों को पानी के लिए परेशानी न उठानी पड़े, इसके लिए राज्य सरकार के प्रयास अब जल जीवन मिशन के तहत फलीभूत होनेे लगे हैं। मिशन के अन्तर्गत जिला लाहौल- स्पीति में 15 हजार 256 फुट की ऊंचाई पर स्थित देश के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र टशीगंग गांव के घर-घर में भी राज्य सरकार ने नल से जल पहुंचाने में कामयाबी हासिल की है।
कोविड-19 की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद भी राज्य सरकार प्रदेश में जल जीवन मिशन को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित कर रही है। हर घर, नल से पेयजल पहुंचाने की राज्य सरकार की योजना को धरातल पर उतारने के लिए प्रभावी तरीके से कार्य किया जा रहा है, जिसके चलते यह पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में देशभर में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्यों में अग्रणी स्थान पर है।
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प्रदेश में लगभग 17 लाख घरों में नल लगाए जाने हंै, जिनमें से अब तक 14 लाख 50 हजार घरों में नल उपलब्ध करवाए जा चुके हैं। जल जीवन मिशन के शुरू होने के बाद लगभग 18 माह की छोटी-सी अवधि में राज्य में 6 लाख 5 हजार नल लगाए गए हैं। हर घर, नल से पेयजल पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकार के जल शक्ति विभाग द्वारा 15 अगस्त, 2022 तक की समय सीमा निर्धारित की गई है, जिसके दृष्टिगत विभाग कार्य योजना तैयार कर उसे अमली जामा पहनाने में जुटा हुआ है।
वर्ष 2019 में शुरू हुए जल जीवन मिशन के अन्तर्गत राज्य को जल जीवन मिशन के तहत किए जाने वाले विभिन्न कार्यों के लिए 2260 करोड़ की धनराशि आवंटित हुई है, जिसमें से जल शक्ति विभाग द्वारा तैयार की गई विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन पर अब तक 1107 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं। जल जीवन मिशन के तहत राज्य में किए जाने वाले विभिन्न कार्यों की परफाॅरमेंस के आधार पर राज्य को 283 करोड़ का इंसेन्टिव भी प्राप्त हुआ है जो प्रदेश के कर्मचारियों विशेष कर जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों के लिए भी गर्व की बात है। प्रदेश को मिला यह इंसेन्टिव जल शक्ति विभाग की बेहतर नीतियों व कार्य प्रबन्धन के साथ-साथ कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के बदौलत ही मिल पाया है।
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राज्य में जल जीवन मिशन के तहत प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर की दर से पानी उपलब्ध करवाने के लिए कार्य किया जा रहा है। राज्य में विभिन्न पेयजल योजनाओं में सुधार व अनेक नई योजनाओं को बना कर लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। राज्य में 283 पेयजल योजनाओं के संवर्धन और सुधार के लिए 1120.24 करोड़ रुपये की योजनाओं के प्राकलन (डीपीआर) तैयार किए गए हैं। इन परियोजनाओं पर अब तक 288.11 करोड़ रुपये की राशि व्यय की गई है।
राज्य में वर्ष 2021-22 के लिए विभिन्न योजनाओं के संवर्धन और सुधार के लिए 764 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। जल जीवन मिशन के तहत राज्य सरकार द्वारा 888 करोड़ रुपये की लागत की 107 परियोजनाएं और तैयार मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजी गई है।
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जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि जल जीवन मिशन की विभिन्न गतिविधियों के मामले में हिमाचल प्रदेश देशभर में शीर्ष स्थान पर है। मिशन के अन्तर्गत जिला लाहौल-स्पीति में 15 हजार 256 फुट की ऊंचाई पर स्थित देश के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र टशीगंग गांव के घरों में भी नल से जल पहंुचाया जा चुका है। मिशन की गतिविधियों को बिना किसी रूकावट के निरंतर आगे बढ़ाया जा रहा है ताकि 15 अगस्त, 2022 तक राज्य के हर घर में नल हो।
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