शिमला के सरदार के लंगर पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में आज शाम रिज मैदान पर होगा प्रदर्शन
शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने सरकार के इस कदम की निंदा करते हुये लोगों से रिज मैदान में जुटने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि लंगर सेवा पर पुलिस की कार्रवाई के विरोध में पांच बजे रिज मैदान पर गांधी की प्रतिमा के सामने जमा होंगे। इस मामले पर राजनिति नहीं होनी चाहिये।
शिमला। प्रदेश की राजधानी शिमला में आईजीएमसी अस्पताल में सरदार सर्वजीत सिंह बॉबी की ओर से चलाये जा रहे लंगर को आईजीएमसी अस्पताल प्रशासन द्वारा पुलिस बल की मदद से बंद करा दिया गया है। पुलिस की मदद से यहां रखे सामान को भी हटा दिया गया है। जिसको लेकर लोगों में खासा रोष है। सरकार के इस कदम के विरोध में आज शाम शिमला के सामाजिक संगठन रिज मैदान पर प्रदर्शन करेंगे।
शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने सरकार के इस कदम की निंदा करते हुये लोगों से रिज मैदान में जुटने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि लंगर सेवा पर पुलिस की कार्रवाई के विरोध में पांच बजे रिज मैदान पर गांधी की प्रतिमा के सामने जमा होंगे। इस मामले पर राजनिति नहीं होनी चाहिये।
प्रशासन नें जिस तरह रसोई के सामान और बर्तनों को फेंका, उससे लग रहा था कि लंगर परिसर में कुछ असामाजिक गतिविधियां चल रही हैं। बॉबी ने अपनी बीमारी के कारण अस्पताल प्रशासन से लड़ने में असमर्थता दिखाई है और उन्होंने अब अस्पताल प्रशासन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। और आगे की कार्रवाई तय करने के लिए इसे जनता पर छोड़ दिया है।
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आईजीएमसी अस्पताल प्रशासन द्वारा उठाए गए अलोकतांत्रिक कदम के खिलाफ आम जनता में व्यापक आक्रोश है। शिमला प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है। पूरे प्रदेश से मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं साथ ही उनके पारिवारिक सदस्य भी होते हैं।
शिमला के समाजसेवी सरबजीत सिंह बॉबी यहां निशुल्क लंगर मरीजों और उनके साथ आने वाले लोगो के लिए बरसो से चला रहे थे वो लंगर प्रदेश सरकार प्रशासन ने बंद करवा दिया है और बकायदा बलपूर्वक पुलिस का सहयोग इसमे लिया गया।
बीमारी से जूझ रहे परिवारों के हजारों लोगो के भोजन की व्यव्यस्था अपने संसाधनों से करने वाली संस्था और या व्यक्ति के इस नेक और पुनीत कार्य को इस तरह से बंद करवा दिया गया। सरबजीत बॉबी की इस मुहिम का अनुसरण प्रदेश में और भी कई अस्पतालों में किया गया। समाज सिर्फ सरकारों के भरोसे नही चल सकता । समाज सेवको और निस्वार्थ भाव से कार्य करने वाले लोगो की भूमिका।और सहयोग इसमे रहता है।
बताया जा रहा है कि कैंटीन ठेकेदारों के फायदे के लिए ऐसा किया गया है तो यह बहुत ही दुखद और अचंभित करने वाली बात है। दलील जा रही है कि निशुल्क लंगर को इस मुहिम को सरकार का प्रोत्साहन मिलना चाहिए था। कोई अड़चन इसे आगे बढ़ाने में थी तो सरकार विसेष अधिकार से अनुमति दे सकती थी।
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व परिवहन मंत्री जी एस बाली ने कहा कि पूर्व मूख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जी ने इस नेक मुहिम की हरसंभव मदद की थी। शिमला महंगा शहर है हजारो गरीब लोग इलाज के लिए यहाँ पहुंचते हैं, लंगर में दो वक्त का निशुल्क भोजन भी उन लोगो के लिए अहमियत रखता है जो अर्थिक रूप से एक तो संपन्न नही उपर से बीमारी और इलाज के खर्च के उलझे हैं।
उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि यह लंगर गरीब जनता और दुख में फंसे लोगों की ही यथासंभव मदद कर रहा था । ऐसी मुहिम को आगे बढ़ाने में मदद की जाए न कि गिराने में। सरकार सरबजीत बाबी की मुहीम का सम्मान करें और उन्हे उपयुक्त जगह मुहैया करवाये ताकि यह निशुल्क लंगर और उनकी यह मुहिम आम जनता की मदद इसी तरह करते रहें ।
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