Karnataka Election: मतदान के बीच कुमारस्वामी का बड़ा दावा, कहा- एक बार फिर किंगमेकर की भूमिका में होगी JDS
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में मतदान प्रक्रिया जारी है। इसी बीच मतदान करने आए जेडीएस के कुमारस्वामी ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में जेडीएस एक बार फिर किंग मेकर की भूमिका निभाने जा रही है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए आज यानी की 10 मई को सुबह 7 बजे से मतदान जारी है। मतदान प्रक्रिया शाम 6 बजे तक चलेगी। वहीं 13 मई को मतगणना की जाएगी। बता दें कि निर्वाचन आयोग के अनुसार, राज्य में सुबह 11 बजे तक 20.99 फीसदी मतदान हुआ है। कर्नाटक के 58,545 बूथों पर मतदान हो रहा है।
वहीं राजनीतिक दलों के 2,615 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं। इस दौरान कर्नाटक बीजेपी नेता येदियुरप्पा, बसवराज बोम्मई समेत कई नेताओं ने जनता से भाजपा के पक्ष में वोटिंग की अपील की है। हालांकि चुनाव प्रचार-प्रसार के दौरान किसी भी राजनीतिक दल ने जनता को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। लेकिन राज्य की जनता किस दल पर अपना विश्वास दिखाती है और सत्ता की चाभी किसके हाथों में सौंपती है। यह देखना काफी दिलचस्प होगा।
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कुमारस्वामी ने किया बड़ा दावा
बता दें कि कर्नाटक के पूर्व सीएम और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी भी अपने परिवार के साथ रामनगर के एक मतदान केंद्र पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने मतदान के बाद जनता से अपील करते हुए कहा कि राज्य में उचित विकास पाने के लिए लोग उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को अपना आशीर्वाद दें। इसी बीच कुमारस्वामी ने यह भी दावा किया कि जेडीएस एक बार फिर किंग की भूमिका मे निभाएगी। वहीं कांग्रेस के अध्यक्ष और कनकपुरा से पार्टी के उम्मीदवार डीके शिवकुमार ने कहा कि राज्य की जनता एक बार घरों पर मौजूद सिलेंडरों को देखकर मतदान करने जाएं। उन्होंने कहा कि उन्हें 200% यकीन है कि कांग्रेस पार्टी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल होने जा रही है।
क्या कहता है चुनावी समीकरण
बता दें कि राज्य के 58,545 मतदान केंद्रों पर कुल 5,31,33,054 मतदाता है। वहीं 2,615 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें से 2,67,28,053 पुरुष मतदाता, 2,64,00,074 महिला मतदाता और 4,927 अन्य मतदाता है। वहीं अगर उम्मीदवारों की बात करें तो चुनावी रण में 2,430 पुरुष, 184 महिलाएं और 1 थर्ड जेंडर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। राज्य में पिछले 38 सालों से कोई भी दल रिपीट नहीं हुआ है। यानी की कर्नाटक में हर बार सत्ता परिवर्तन देखने को मिला है। पिछले चुनाव यानी की साल 2018 में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान जहां भाजपा के खाते में 104 सीटें आईं थीं तो वहीं कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37 सीटों में संतोष करना पड़ा था।
ऐसे बदले राजनीतिक समीकरण
तब किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिला था। जिसके बाद 2018 में बीएस येदियुरप्पा ने सीएम पद पर शपथ ली थी। लेकिन सदन में बहुमत न हासिल कर पाने के कारण 23 मई 2018 को येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जिसके बाद कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन की सरकार बनाई और एचडी कुमारस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री बनें। लेकिन 14 महीने बाद एक बार फिर कर्नाटक की सियासत ने अपना रुख बदला।
कुछ विधायकों की बगावत के कारण कुमारस्वामी को भी सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। दोनों दलों यानी की कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायकों को बीजेपी अपनी ओर लाने में कामयाब रही। जिसके बाद जुलाई में एक बार फिर येदियुरप्पा सीएम बनें। लेकिन 2 साल बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। तब बीजेपी ने बसवराज बोम्मई को राज्य का सीएम बनाया।
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