ICJ में पाकिस्तान को लगा बड़ा झटका, कुलभूषण की फांसी पर लगी रोक
जाधव को मार्च 2016 को पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने बलूचिस्तान प्रांत में ईरान की सीमा से कुछ किलोमीटर दूर मशाकेल शहर से गिरफ्तार किया था। पाकिस्तान का कहना है कि जाधव ईरान से पाकिस्तान में घुसे थे। पाकिस्तान ने उन पर हुसैन मुबारक पटेल नाम से पाकिस्तान में रहने और भारत के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के मामले में उन्हें फांसी की सजा सुनायी थी।
देश की राजधानी दिल्ली से 6 हजार 383 किलोमीटर दूर नीदरलैंड के द हेग में भारत के सच और पाकिस्तान के झूठ पर सुनवाई हुई। पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती हुई है। आज कुलभूषण यादव के मुद्दे पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में 16 जजों की बेंच ने सुनवाई की। आईसीजे ने कुलभूषण की फांसी पर रोक लगा दी है। 16 में से 15 जजों ने भारत के पक्ष में वोट किया। कोर्ट ने पाकिस्तान को फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। आईसीजे की कानूनी सलाहकार रीमा ओमेर ने ट्वीट किया है कि जाधव को काउंसलर एक्सेस मिलेगा। जाधव केस में सुनवाई करने वाले 16 जज में एक भारतीय और एक पाकिस्तान जज भी शामिल रहे। जिसके बाद पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान को करारा जवाब मिला।
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बता दें कि जाधव को मार्च 2016 को पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने बलूचिस्तान प्रांत में ईरान की सीमा से कुछ किलोमीटर दूर मशाकेल शहर से गिरफ्तार किया था। पाकिस्तान का कहना है कि जाधव ईरान से पाकिस्तान में घुसे थे। पाकिस्तान ने उन पर हुसैन मुबारक पटेल नाम से पाकिस्तान में रहने और भारत के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के मामले में उन्हें फांसी की सजा सुनायी थी। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था कि जाधव ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
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पाकिस्तानी अदालत के इस फैसले को भारत ने मई 2017 में आईसीजे में चुनौती दी थी। जिसके बाद एक लंबी सुनवाई चली, भारत की तरफ से हरीश साल्वे ने कुलभूषण जाधव की पैरवी की थी और जुलाई 2018 में जाधव की सजा पर रोक लगा दी गई। भारत ने जाधव की गिरफ्तारी को वियना संधि का उल्लंघन बताते हुए पाकिस्तान से उन्हें भारत को सौंपने की मांग भी की थी लेकिन पाकिस्तान ने भारत के इस प्रस्ताव ठुकरा दिया था। गौरतलब है कि इस हाई प्रोफाइल मामले में फैसला आने के करीब पांच महीने पहले न्यायाधीश यूसुफ के नेतृत्व में आईसीजे की 15 सदस्यीय पीठ ने भारत और पाकिस्तान की मौखिक दलीलें सुनने के बाद 21 फरवरी को आदेश सुरक्षित रख लिया था। मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में दो साल और दो महीने का वक्त लगा।
And the decision in the #Jadhav Cade is out!
— Reema Omer (@reema_omer) July 17, 2019
ICJ has ruled in favour of India on merits, affirming Jadhav’s right to consular access and notification
The Court has directed Pakistan to provide effective review and reconsideration of his conviction and sentences pic.twitter.com/DE3dAb9eIv
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