राम के प्रति आस्था को सुनकर खड़े हो जाएंगे आपके रोंगटे

Kilometer run from Narendra Yadav to Rameshwaram to Ram Janmabhoomi
सत्य प्रकाश । Nov 26 2021 10:47PM

राम मंदिर निर्माण के प्रति समर्पण करने के लिए पर्वतारोही नरेंद्र यादव से रामेश्वरम से राम जन्म भूमि तक 2911 किलोमीटर की लगाई दौड़, राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम के प्रति आस्था को देख कर लिया सराहना

अयोध्या। रामलला के प्रति एक ऐसी ही आस्था कि अपने प्राणों को दांव पर रखते हुए 47 दिनों में लगातार दौड़ लगाते हुए अयोध्या पहुंचा युवक नरेंद्र यादव ने श्री रामलला का दर्शन किया। युवक के इस पहल पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी सराहना की और स्वागत किया है। वहीं पर्वतारोही नरेंद्र यादव ने बताया कि इस यात्रा की शुरुआत होते ही शरीर में छाले पड़ गए पैरों के नाखून उखड़ गए लेकिन हार नहीं मानी और अपने इस संकल्पों को आज पूरा किया है।

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अयोध्या पहुंचे पर्वतारोही नरेंद्र यादव 7 राज्यों से होते हुए 47 दिन में रामेश्वरम से दौड़ लगाकर अयोध्या पहुंचे हैं जहां राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने स्वागत किया। इस 2911 किलोमीटर की लगातार दौड़ से एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया है। तो वहीं नरेंद्र अपने इस रिकॉर्ड को वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम को भेजेंगे जिसके बाद मिलने वाले सर्टिफिकेट को राम मंदिर के नाम समर्पित करेंगे। 

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नरेंद्र सिंह यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि मैं माउंटेन एवरेस्ट पर माउंटेन रिंग हूं।अभी मैंने रन फॉर राम के नाम से रामेश्वरम से अयोध्या दौड़ लगाई है टोटल 29 से 11 किलोमीटर है यह 7 राज्यों से होते हुए 24 तारीख को अयोध्या पहुंचे हैं यात्रा का मुख्य उद्देश्य है इस यात्रा में मैंने एक वर्ल्ड रिकॉर्ड क्रिएट किया है जो श्री राम जन्म भूमि न्यास को समर्पित है कहां की निधि समर्पण अभियान पूरे भारत चला सब लोगों ने अपनी क्षमता अनुसार मंदिर निर्माण में अपना योगदान दिया है तो मैं खिलाड़ी होने के नाते मैंने तय किया कि मेहनत करके राम जी के चरणों में समर्पण कर लूंगा विश्व विकास को प्लान किया और भगवान का आशीर्वाद लेकर से प्रारंभ किया 7 अक्टूबर को है यात्रा प्रारंभ किया और आज यह यात्रा पूरी हुई। कोई बताया कि यात्रा की शुरुआत करते ही दक्षिण भारत में पढ़ने वाले अलग-अलग मौसम के कारण शरीर में छाले पड़ गए थे पैरों में फंगल इंफेक्शन हो गया जिसके कारण पैर के सभी उंगलियों के नाखून उजड़ गए थे के बाद भी अपनी इस यात्रा को पूरा करने के लिए आगे बढ़ा और आज प्रभु राम के दर्शन हुए हैं। 

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