केरल : पूर्व मुख्य न्यायाधीश को एसएचआरसी का अध्यक्ष नियुक्त करने को लेकर कांग्रेस ने जताई आपत्ति
सतीशन ने आरोप लगाया, एकतरफा तरीके से एक नाम को थोपने का फैसला अलोकतांत्रिक व रहस्यमय है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सरकार ने चयन प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही इस असामान्य फैसले के जरिए सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश को एसएचआरसी के पद पर नियुक्त करने के अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं।
कांग्रेस की केरल इकाई ने शुक्रवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से प्रदेश के उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस. मणिकुमार को राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) का अध्यक्ष नियुक्त नहीं करने का आग्रह किया। राज्यपाल को भेजे एक पत्र में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीशन ने खान से इस संबंध में पिनराई विजयन सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं देने का अनुरोध किया है। पत्र में सतीशन ने उल्लेख किया कि एसएचआरसी की चयन समिति का सदस्य होने के नाते उन्होंने अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति को लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी।
उन्होंने कहा कि एसएचआरसी के अध्यक्ष पद के लिए उच्च स्तर की सत्यनिष्ठा की जरूरत होती है और पद पर आसीन व्यक्ति को सत्तारूढ़ सरकार के प्रति किसी भी तरह के झुकाव से मुक्त होना चाहिए। सतीशन ने आरोप लगाया, हालांकि, केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति एस. मणिकुमार के कुछ फैसले निष्पक्ष तरीके से काम करने की उनकी क्षमता के बारे में गंभीर सवाल उठाते हैं। सतीशन ने पत्र में कहा कि मौजूदा प्रक्रिया के मुताबिक, राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को विपक्ष के नेता सहित चयन समिति के सदस्यों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद चुना जाता है।
उन्होंने कहा कि हालांकि मौजूदा नियमों के विपरीत बैठक में सिर्फ और सिर्फ पूर्व मुख्य न्यायाधीश का नाम प्रस्तावित किया गया। विपक्ष के नेता ने कहा कि बैठक में पद के लिए अन्य पात्र उम्मीदवारों और उनकी योग्यता का विवरण पहले से नहीं दिया गया। सतीशन ने आरोप लगाया, एकतरफा तरीके से एक नाम को थोपने का फैसला अलोकतांत्रिक व रहस्यमय है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सरकार ने चयन प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही इस असामान्य फैसले के जरिए सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश को एसएचआरसी के पद पर नियुक्त करने के अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं।
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