Kartavyapath : देश के मध्यम वर्ग की प्रगति के लिए मोदी सरकार का S Model पहुंचा रहा लाभ

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देश की वयस्क आबादी को आधार नंबर जारी करने का काम करीब-करीब पूरा हो गया है। जनवरी, 2023 तक 135 करोड़ से अधिक आधार नंबर जारी किए गए हैं। आमजन के दैनिक जीवन में निरंतर सहायता और सुशासन को मजबूती देने के साथ आधार 'जीवन यापन में आसानी' का माध्यम बन रहा है।

पिछले आठ-नौ वर्षों में मध्यम वर्ग के जीवन स्तर, स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने विभिन्न स्तरों पर काम किया है। भारत सरकार के लगातार प्रयासों के कारण ही मध्यम वर्ग के बीच गौरव की नई भावना पैदा हुई है। भारत सरकार ने दुनिया को एक वैकल्पिक मॉडल दिया है जिसके जरिए मध्यम वर्ग समृद्धि पा सकता है। इसमें संपन्नता, सुरक्षित भविष्य, श्रेष्ठ जीवन और सरलता शामिल है। ये चारों मिलकर मध्यम वर्ग के विकास के साथी और साक्षी बने है।

सबसे पहले बात करेंगे सेहत से जुड़े पहलु की जो है "सुरक्षित भविष्य"।

सस्ती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करा कर स्वस्थ भविष्य को सुरक्षित करना और उत्तम शिक्षा उपलब्ध कराना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। दोनों ही मोर्चों पर भारत सरकार ने बेहतर परिणामों की दिशा में कदम बढ़ाया है। केंद्र सरकार के प्रयासों की बदौलत ही बीते नौ वर्षों में 353 नए विश्वविद्यालय, 15 नए एम्स और 261 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। मेडिकल करने के इच्छुक छात्रों के लिए अब देशभर में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर 77,386 नई मेडिकल सीट सुनिश्चित हुई है।

भारत सरकार द्वारा शुरु की गई आयुष्मान भारत योजना दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य सेवा  कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहा है। 50 करोड़ से अधिक भारतीयों को कवर करते हुए आयुष्मान भारत गरीब और नव-मध्यम वर्ग को उच्च गुणवत्तापूर्ण और मुफ्त स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित कर रहा है।

-मध्यम वर्ग के लाखों लोग पहले से ही महत्वपूर्ण दवाओं, स्टेंट और कम लागत पर घुटने के प्रत्यारोपण का लाभ उठा रहे हैं।

- केंद्र सरकार की पहल का परिणाम है कि भारतीय जन औषधि केंद्र से दवा और चिकित्सीय उपकरण लेने से जनता के 20 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है।

- यह संभव हो पाया 9 हजार जन औषधि केंद्रों पर उपलब्ध 50-90 प्रतिशत सस्ती जेनरिक दवाईयों और 1.5 लाख आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 87 करोड़ मुफ्त जांच की सुविधा से।

- 2023 की ग्लोबल रैंकिंग में 41 भारतीय विश्वविद्यालय को विशिष्ट जगह मिली है जबकि 2014 में यह संख्या केवल नौ थी।

श्रेष्ठ जीवन

शहरी मध्यम वर्ग का विकास सिर्फ तभी हो सकता है जब प्रगति की बुनिया आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर है। कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर से विकास की गति को नुकसान होता है। यही कारण है कि देश में वर्ष 2022 तक 1.65 लाख किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया। अमेरिका के बाद आज भारत में दुनिया का सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है।

- भारत सिर्फ सड़क नेटवर्क ही मजबूत नही कर रहा बल्कि मेट्रो कनेक्टिविटी को भी आगे ले जा रहा है। भारत के 27 शहरों में मेट्रो कनेक्टिविटी है। जल्द ही भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बनेगा।

- भारत में 120 करोड़ मोबाइल फोन उपभोक्ता में से लगभग 80 प्रतिशत और 80 करोड़ इंटरनेट जर्स को एक साल के अंदर 5जी कनेक्टिविटी मिलने की उम्मीद है। 5जी कनेक्टिविटी होने से ऑनलाइन शिक्षा, टेली-मेडिसिन और सरकारी सेवाओं की प्रभावी पहुंचेगा।

दैनिक जीवन में हो महत्वपूर्ण बदलाव

देश के मध्यम वर्ग के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए जीवन यापन में सुगमता बढ़ाने के हर संभव प्रयास किए है। इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व में कई शिलान्यास हुए और उन्हें समय पर पूरा भी किया गया है। आज भारत के कई टियर 2 और टियर 3 के शहरों को हवाई यात्रा से जोड़ा गया है, जिससे मध्यम वर्ग के पास भी उड़ान योजना की मदद से कम खर्च पर हवाई यात्रा करने का विकल्प हो। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अमृत काल के वर्ष में मध्यम वर्ग को राहत देते हुए विकास की राह में आगे बढ़ा जा रहा है। इस दौरान कुशल अर्ध नीति के तहत मध्यम वर्ग को कर में बड़ी राहत देते हुए सात लाख रूपये तक की आय को कर मुक्त किया गया है। स्वर्णिम वर्ष में विकसित भारत बनाने के लिए राष्ट्र में नागरिकों को कानूनी उलझनों से बाहर निकालने की प्रक्रिया जारी है। तकनीक के जरिए पारदर्शिता बढ़ाने का काम हो रहा है। 

- नई कर व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त।

- आय कर स्लैब 6 से घटाकर 5 किया गया।

- नई कर व्यवस्था में अब 50 हजार रुपये की मानक छूट का लाभ भी मिलेगा।

- नई कर व्यवस्था में 9 लाख रुपये तक वार्षिक आय वाले व्यक्ति को केवल 45 हजार रुपये और 15 लाख रुपये आय पर 1.50 लाख रुपये चुकाने होंगे।

- इस वर्ष से डिफॉल्ट रहेगी नई कर व्यवस्था, पुरानी व्यवस्था चुनने की रहेगी स्वतंत्रता। 

जीवन की सुगमता का आधार जीएसटी से खाना सस्ता

देश की वयस्क आबादी को आधार नंबर जारी करने का काम करीब-करीब पूरा हो गया है। जनवरी, 2023 तक 135 करोड़ से अधिक आधार नंबर जारी किए गए हैं। आमजन के दैनिक जीवन में निरंतर सहायता और सुशासन को मजबूती देने के साथ आधार 'जीवन यापन में आसानी' का माध्यम बन रहा है। वहीं एक देश, एक कर व्यवस्था यानी जीएसटी ने रेस्तरां में  खाना भी आसान कर दिया है।

- 135.2 करोड़ आधार नामांकन जेनरेट किए गए 

- 75.3 करोड़ लोगों ने राशन लाभ के लिए राशनकार्ड से आधार लिंक किया

- 27.9 करोड़ लोगों ने एलपीजी सब्सिडी के लिए कनेक्शन से आधार लिंक किया।

- 75.4 करोड़ बैक खाते आधार के साथ लिंक किए गए

- आधार लिंक सिस्टम से 1500 करोड़ से ज्यादा बार किया गया लेनदेन।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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