कर्नाटक का सियासी नाटक जारी, सोमवार को भी नहीं हो सका फ्लोर टेस्ट
सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे और दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के कारण सरकार का भविष्य अधर में है।
बेंगलुरु। कर्नाटक में आज भी विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं हो सका। विधानसभा को मंगलवार सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। कर्नाटक के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा कि मंगलवार शाम 6 बजे तक फ्लोर टेस्ट किया जाएगा।
Karnataka Speaker KR Ramesh Kumar: By 6 PM tomorrow the floor test will be done. https://t.co/sjLOXjy2ql
— ANI (@ANI) July 22, 2019
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव पर विधानसभा में तीसरे दिन सोमवार को भी चर्चा जारी है। कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा है कि स्पीकर ने बागी विधायकों को नोटिस दिया है, उन्हें कल सुबह 11 बजे तक का समय दिया गया है। बीजेपी भटकाने की कोशिश कर रही है कि उन्हें अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा और उन्हें मंत्री बनाया जाएगा। भारत के संविधान के अनुसार, अयोग्य घोषित किए जाने के बाद आपको सदस्य नहीं बनाया जा सकता।
DK Shivakumar, Congress: Speaker has served notice to rebel MLAs, giving them time till 11 AM tomorrow. BJP is trying to convince them that they won't be disqualified & they will be made ministers. As per Constitution of India, you can't be made a member once you're disqualified pic.twitter.com/RyKrLWeNCs
— ANI (@ANI) July 22, 2019
कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि मुझे जानकारी मिली कि मैंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। मुझे नहीं पता कि सीएम बनने का इंतजार कौन कर रहा है। किसी ने मेरे जाली हस्ताक्षर वाले पत्र को सोशल मीडिया पर उसी का प्रसार किया है। मैं प्रचार के सस्ते स्तर पर हैरान हूं।
Karnataka CM HD Kumaraswamy, in Vidhana Soudha: I got information that I have tendered my resignation to the Governor. I don't know who is waiting to become CM. Someone has forged my signature & spread the same on social media. I'm shocked at the cheap level of publicity. pic.twitter.com/0CIOvpluru
— ANI (@ANI) July 22, 2019
कर्नाटक में भाजपा महासचिव मुरलीधर राव ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। उन्होंने सोमवार को राज्यपाल से राज्य में लोकतांत्रिक सिद्धांतों की रक्षा करने का अनुरोध किया। येदियुरप्पा ने कहा कि चाहे एक बजे या 2 बजे, वोटिंग आज ही होनी चाहिए।
BS Yeddyurappa: We didn't protest when they (Congress-JDS) were speaking. Siddaramaiah,CM&you(Speaker)promised floor test on Monday. When our chief Whip was called,we stated we'll be here till late night till all debates conclude.Please allow us to go ahead with confidence motion https://t.co/dS4BmvyDVS
— ANI (@ANI) July 22, 2019
कुछ देर पहले ही विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने सीएम कुमारस्वामी, कर्नाटक के डिप्टी सीएम जी परमेस्वर, सा रा महेश (जेडीएस), कृष्णा बाईरे गौड़ा (कांग्रेस) और सिद्धारमैया (कांग्रेस) के साथ विधान सभा के अपने कक्ष में बैठक की। इससे पहले जद (एस)-कांग्रेस के विधायकों के हंगामे के कारण कर्नाटक विधानसभा को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। उधर कांग्रेस का कहना है कि बागी विधायकों के इस्तीफे पर अध्यक्ष का फैसला आने तक विश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन न कराया जाए। विधानसभा की कार्यवाही शुरु होने के समय से ही अध्यक्ष के. आर. रमेश ने सरकार को बार बार शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया सोमवार को पूरी करने के अपने वादे का सम्मान करने की याद दिलायी। एक घंटे की देरी से सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सबकी नजर हम पर है। मुझे बलि का बकरा ना बनाएं। अपने लक्ष्य (शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया पूरी करने) तक पहुंचें।’’ कुमारस्वामी ने पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव रखा था। सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे और दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के कारण सरकार का भविष्य अधर में है।
#Karnataka Speaker KR Ramesh Kumar holds a meeting with CM Kumaraswamy, Karnataka Deputy CM G Parameshwara, Sa Ra Mahesh(JDS), Krishna Byre Gowda (Congress) & Siddaramaiah (Congress), in his chamber at Vidhana Soudha, Bengaluru. pic.twitter.com/ARkah9O0C2
— ANI (@ANI) July 22, 2019
राज्यपाल वजुभाई वाला ने पहले शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे तक और बाद में दिन की समाप्ति तक विश्वास प्रस्ताव पर प्रक्रिया पूरी करने को कहा था। शुक्रवार को प्रक्रिया पूरी नहीं होने के बाद अध्यक्ष ने सरकार से यह वादा लिया था कि वह इसे सोमवार को अवश्य पूरा करेगी। इसके बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। अध्यक्ष ने विश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया में और देरी नहीं करने पर अपना रुख स्पष्ट किया, ‘‘इससे मेरा या सदन का अपमान होगा।’’ ऐसी खबरें है कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने मत-विभाजन के लिए और दो दिन का वक्त मांगा है। अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम जीवन सार्वजनिक में हैं। जनता हमें देख रही है। अगर लोगों में यह विचार बन रहा है कि चर्चा के नाम पर हम समय बर्बाद कर रहे हैं तो यह मेरे या किसी के लिए भी सही नहीं होगा।’’ कर्नाटक सरकार के वरिष्ठ मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने विश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कहा कि इस्तीफे के मुद्दे पर अध्यक्ष के निर्णय के बगैर मत-विभाजन कराने से विश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया की कोई गरिमा नहीं रहेगी। विश्वास प्रस्ताव पर बहस के तीसरे दिन भी जारी रहने के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘ हम असाधारण स्थिति में आ गये हैं.... मैं अध्यक्ष से पहले इस्तीफों पर निर्णय लेने का अनुरोध करता हूं। अन्यथा इसका (विश्वास प्रस्ताव का) कोई मतलब नहीं रह जाएगा।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘ क्या इस्तीफा स्वेच्छा से दिया गया और असली वजह क्या है? क्या वे लोकतंत्र के विरूद्ध नहीं हैं?’’
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केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर प्रहार करते हुए गौड़ा ने कहा कि देश से राजनीतिक विपक्ष का सफाया करने के लिए ‘सुनियोजित तरीके से’ प्रयास चल रहा है और भाजपा द्वारा कर्नाटक में अभियान उसी प्रयास का हिस्सा है। उन्होंने बागी विधायकों से अपने रुख पर पुनर्विचार करने की भी अपील की। भाजपा को संदेह है कि कांग्रेस जद(एस) सरकार बागी विधायकों को अपने पाले में करने के लिए विश्वास प्रस्ताव पर मत-विभाजन में देरी कर रही है। इन्हीं विधायकों के इस्तीफे की वजह से सरकार गिरने की कगार पर पहुंच गयी है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को दो पत्र लिखे थे और शुक्रवार तक विश्वास मत पर मत-विभाजन पूरा करने को कहा था। उन्होंने आशंका प्रकट की थी कि देरी से विधायकों की खरीद-फरोख्त की गुजाइंश पैदा होती है। उन्होंने यह भी कहा था कि प्रथम दृष्टया उन्हें स्पष्ट हो चुका है कि सरकार विधानसभा का विश्वास खो चुकी है। वरिष्ठ भाजपा नेता जगदीश शेट्टार और मधुस्वामी ने अध्यक्ष से कहा कि विश्वास प्रस्ताव पर प्रक्रिया सोमवार को पूरी कर ली जानी चाहिए और बहस अंतहीन नहीं खींची जानी चाहिए। अध्यक्ष ने यह भी कहा कि विधायक दल के नेता को व्हिप जारी करने का अधिकार है।
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अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायी दल के नेता सिद्धरमैया से कहा, ‘‘व्हिप जारी करना आपका अधिकार है। उसका पालन करना विधायकों पर है। यदि मेरे पास कोई शिकायत आती है तो मैं नियमों का पालन करते हुए फैसला लूंगा।’’ सिद्धरमैया ने व्हिप जारी करने को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा पिछले हफ्ते दिए गए आदेश के संबंध में एक सवाल उठाया था। इस बीच, सरकार पर दबाव डालते हुए भाजपा ने मुख्यमंत्री से कहा कि अगर उन्हें संविधान और राज्य की जनता में विश्वास है तो वह ‘इस्तीफा दें और घर जाएं।’’ भाजपा ने कहा कि कुमारस्वामी स्वयं विश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं लेकिन उसकी प्रक्रिया पूरी करने में देरी कर रहे हैं। पार्टी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, ‘‘अगर आपको संविधान और राज्य की जनता में जरा सा भी विश्वास और उनके लिए सम्मान है तो आप इस्तीफा दें और घर जाएं।’’ भाजपा ने कन्नड़ भाषा में हैशटैग चलाया है ‘‘राज्य की जनता आपको माफ नहीं करेगी।’’ विधानसभा अध्यक्ष के अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 117 विधायक हैं जिनमें कांग्रेस के 78, जदएस के 37, बसपा के एक और एक नामित हैं। दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने के साथ विपक्षी भाजपा के पास 225 सदस्यीय विधानसभा में 107 विधायक हैं। यदि 15 विधायकों (कांग्रेस के 12 और जदएस के 3) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है या वे मत-विभाजन से दूर रहते हैं तो सत्तारूढ़ गठबंधन के पास संख्याबल 101 रह जाएगा और सरकार अल्पमत में आ जाएगी।
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