बिहार: आरोपी को कपड़े धोने और इस्त्री करने का आदेश देने वाले न्यायाधीश के न्यायिक कार्य करने पर रोक
मधुबनी जिले के झंझारपुर अनुमंडल में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में पदस्थ अविनाश कुमार ने कुछ दिन पहले छेड़खानी के एक आरोपी को जमानत देते हुए यह शर्त निर्धारित की थी कि वह पश्चाताप करने के लिए अपने गांव में सभी महिलाओं के कपड़े धोएगा और इस्त्री करेगा।
पटना उच्च न्यायालय ने बिहार में एक निचली अदालत के न्यायाधीश के न्यायिक कार्य करने पर रोक लगा दी है, जो अपने अनूठे आदेशों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं।
उच्च न्यायालय सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को जारी एक प्रशासनिक आदेश में अदालत ने मधुबनी जिले के झंझारपुर अनुमंडल में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में पदस्थ अविनाश कुमार को अगले आदेश तक कोई न्यायिक कार्य नहीं करने का निर्देश दिया।
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निचली अदालत के न्यायाधीश ने कुछ दिन पहले छेड़खानी के एक आरोपी को जमानत देते हुए यह शर्त निर्धारित की थी कि वह पश्चाताप करने के लिए अपने गांव में सभी महिलाओं के कपड़े धोएगा और इस्त्री करेगा। बताया जाता है कि न्यायाधीश ने पहले भी अन्य मामलों में इसी तरह के अनूठे आदेश जारी किये थे।
इस महीने, उन्होंने अनाज की जमाखोरी करने के दो आरोपियों को इस शर्त पर जमानत दी थी कि वे गरीब परिवारों के बीच मुफ्त में दाल बांटेंगे। उनकी अदालत ने गैर लाइसेंसी हथियार रखने के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहे एक व्यक्ति को अपने गांव के मंदिर में मुफ्त सेवा देने को कहा था।
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न्यायाधीश ने डेयरी कारोबार में शामिल एवं मारपीट के मामले में आरोपी दो लोगों को कुपोषित बच्चों के बीच आधा लीटर दूध बांटने का आदेश दिया था। एक अन्य व्यक्ति, जिसने अपने मुहल्ले के लोगों से झगड़ा किया था उसे नाली साफ करने का आदेश दिया गया था।
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