मांझी ने कंगना रनौत से पद्मश्री वापस लिए जाने की मांग की

Kangana Ranaut

रनौत ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि भारत को ‘‘1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी’’ और ‘‘जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली ’ जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई। पहले भी विवादास्पद बयान देती रहीं कंगना अपने इस बयान से एक बार फिर विवाद में पड़ गयी हैं।

पटना| बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने देश की आजादी के बारे में अभिनेत्री कंगना रनौत की विवादित टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना करते हुए उनसे पद्मश्री पुरस्कार वापस लिए जाने की बृहस्पतिवार को मांग की।

बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन (राजग) में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख मांझी ने अपने ट्विटर हैंडल पर राष्ट्रपति को टैग करते और कंगना का एक वीडियो फुटेज साझा करते हुए लिखा, ‘‘कंगना रनौत से पद्मश्री सम्मान अविलंब वापस लेना चाहिए, नहीं तो दुनिया ये समझेगी कि गांधी, नेहरू, भगत सिंह, पटेल, कलाम, मुखर्जी एवं सावरकर सभी ने भीख मांगी, तो आजादी मिली। लानत है ऐसी कंगना पर।’’

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उल्लेखनीय है कि रनौत ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि भारत को ‘‘1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी’’ और ‘‘जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली ’ जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई। पहले भी विवादास्पद बयान देती रहीं कंगना अपने इस बयान से एक बार फिर विवाद में पड़ गयी हैं।

आम आदमी पार्टी ने मुंबई पुलिस में आवेदन दाखिल कर कंगना के खिलाफ ‘राजद्रोह पूर्ण और भड़काऊ’ बयान के लिए मामला दर्ज करने की मांग की है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी समेत कई नेताओं, सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं एवं अन्य लोगों ने बुधवार शाम को एक कार्यक्रम में दिये गये अभिनेत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

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रनौत एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में बोल रही थीं, जिसमें उनकी बात पर कुछ श्रोताओं को ताली बजाते भी सुना जा सकता है। मांझी ने कहा कि उक्त मीडिया समूह को ऐसा कार्यक्रम आयोजित करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने सभी समाचार चैनलों द्वारा रनौत को बैन किए जाने की मांग की है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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