झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू की जमानत याचिका पर फैसला रखा सुरक्षित
न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह ने याचिकाकर्ता के साथ ही सीबीआई की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। इससे पहले 21 दिसम्बर को पीठ ने लालू प्रसाद की अर्जी पर अगली सुनवायी चार जनवरी को करना तय किया था।
रांची। झारखंड उच्च न्यायालय ने चारा घोटाला मामलों में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की जमानत की अर्जी पर फैसला शुक्रवार को सुरक्षित रख लिया। न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह ने याचिकाकर्ता के साथ ही सीबीआई की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। इससे पहले 21 दिसम्बर को पीठ ने लालू प्रसाद की अर्जी पर अगली सुनवायी चार जनवरी को करना तय किया था।
Jharkhand High Court reserves order on Lalu Yadav's bail plea in Fodder scam cases. (file pic) pic.twitter.com/SOflSzGWyD
— ANI (@ANI) January 4, 2019
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद करोड़ों रुपये के चारा घोटाला के मामलों में दोषी ठहराये जाने के बाद दिसंबर 2017 से रांची जेल में बंद हैं। लालू की पैरवी कर रहे जाने माने वकील एवं कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने उनकी जमानत के लिए खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया। साथ ही राजद अध्यक्ष के तौर पर उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न बांटने में उनकी मौजूदगी की जरूरत जताई। सीबीआई के वकील राजीव कुमार ने अपनी दलील में कहा कि लालू को नियमित जमानत नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने देवघर कोषागार से जुड़े मामले में उन्हें जमानत मिलने से इनकार किए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हिरासत में उनका उपचार चल रहा है। इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
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गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल बिहार में विपक्षी पार्टियों के महागठबंधन का एक अहम घटक दल है तथा सीटों के बंटवारें पर लालू की सहमति जरूरी है। लालू झारखंड में भी आगामी आम चुनावों में भाजपा विरोधी पार्टियों को एक मंच पर लाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। लालू ने 11दिसंबर को उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करके चारा घोटाला मामले से जुड़े तीन मामलों में जमानत देने की मांग की थी। इन मामलों में उन्हें दोषी ठहराया गया था। लालू ने जमानत के लिए अपनी बढ़ती उम्र और गिरते स्वस्थ्य का हवाला दिया था।
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