झारखंड : कांग्रेस ‘जाति आधारित जनगणना’ व सरना धर्म को मान्यता देने के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करेगी
उन्होंने कहा, ‘‘अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण और सरना को एक अलग धर्म के रूप में मान्यता देने जैसे प्रस्ताव राज्य विधानसभा में पारित होने के बाद मंजूरी के लिए केंद्र को भेजे गए थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन अहम प्रस्तावों पर केंद्र चुप्पी साधे हुए है। यह झारखंड के आदिवासियों के साथ धोखा है। यह संदेश लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद मीर ने झारखंड में ‘जाति आधारित जनगणना’ कराए जाने की बुधवार को वकालत की। कांग्रेस के झारखंड प्रभारी मीर लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी की संगठनात्मक मजबूती की समीक्षा करने के लिए मंगलवार को यहां पहुंचे। उन्होंने चुनाव की रणनीति पर चर्चा करने के लिए पार्टी विधायक दल, राजनीतिक मामलों की समिति, लोकसभा सीट प्रभारियों सहित कांग्रेस की विभिन्न इकाइयों के साथ बैठक की। विधायक दल की बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मंत्री आलमगीर आलम, रामेश्वर ओरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख मौजूद थे। राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सीट बंटवारे पर अंतिम निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया।
यहां जारी एक बयान के मुताबिक, ‘‘यह भी निर्णय लिया गया कि जिन्हें भी उम्मीदवार बनाया जायेगा, पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उनका समर्थन करेंगे और उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे।’’ विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए मीर ने कहा, ‘‘हमारे राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी चाहते हैं कि झारखंड में भी जाति आधारित जनगणना करायी जाये ताकि वंचित लोगों के लिए सरकारी योजनाएं बनाई जा सके और उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण और सरना को एक अलग धर्म के रूप में मान्यता देने जैसे प्रस्ताव राज्य विधानसभा में पारित होने के बाद मंजूरी के लिए केंद्र को भेजे गए थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन अहम प्रस्तावों पर केंद्र चुप्पी साधे हुए है। यह झारखंड के आदिवासियों के साथ धोखा है। यह संदेश लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है।
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