जल्लीकट्टू और बैलगाड़ी दौड़ के खिलाफ याचिका, सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई स्थगित करने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में 'जल्लीकट्टू' खेल और महाराष्ट्र में 'बेलगड़ा शर्याति' के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई टालने से इनकार कर दिया। याचिकाओं में तमिलनाडु और महाराष्ट्र सरकार या खेलों से जुड़े कानूनों को चुनौती दी गई है।
पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) के नेतृत्व में याचिकाकर्ताओं के एक समूह ने तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित जल्लीकट्टू कानून को रद्द करने के लिए निर्देश देने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में 'जल्लीकट्टू' खेल और महाराष्ट्र में 'बेलगड़ा शर्याति' के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई टालने से इनकार कर दिया। याचिकाओं में तमिलनाडु और महाराष्ट्र सरकार या खेलों से जुड़े कानूनों को चुनौती दी गई है। जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मामले को स्थगित करने से इनकार कर दिया।
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तमिलनाडु सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से शीतकालीन अवकाश के बाद जल्लीकट्टू की सुनवाई करने का अनुरोध किया। क्योंकि इस सामयिक रिपोर्ट का जिक्र करना है। इसलिए जस्टिस जोसेफ यानी ने वकीलों को जल्द से जल्द रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और कहा कि चूंकि जल्लीकट्टू जनवरी में है, इसलिए हम याचिका की सुनवाई नहीं टालेंगे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट और संविधान पीठ ने जल्लीकट्टू के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 23 नवंबर की तारीख तय की थी। पांच जजों की संविधान पीठ में जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी, जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस सीटी रविकुमार शामिल हैं।
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