जनसंख्या नियंत्रण पर बहस चुनावों से पहले ध्रुवीकरण का प्रयास है: जयराम रमेश
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के प्रस्तावित कदमों को लेकर शनिवार को दावा किया कि यह समाज का ध्रुवीकरण करने और विधानसभा चुनावों से पहले सांप्रदायिक एजेंडे को जिंदा रखने का भाजपा का प्रयास है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के प्रस्तावित कदमों को लेकर शनिवार को दावा किया कि यह समाज का ध्रुवीकरण करने और विधानसभा चुनावों से पहले सांप्रदायिक एजेंडे को जिंदा रखने का भाजपा का प्रयास है। रमेश ने यह आरोप लगाया कि हर चुनाव से पहले गैर जरूरी मुद्दों को आगे करके अपनी विफलताओं को छिपाने में भाजपा अव्वल है।
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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘यह कुछ नहीं, बल्कि समाज का ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक एजेंडे को जीवित रखने का भाजपा का प्रयाास है।’’ उन्होंने साल 2018-19 के आर्थिक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए भी भाजपा पर निशाना साधा। राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘जनसंख्या में गिरावट का महत्वपूर्ण बिंदु तब आता है जब प्रजनन क्षमता का प्रतिस्थापन स्तर 2.1 तक पहुंच जाता है। इसके एक या दो पीढ़ी के बाद, जनसंख्या या तो स्थिर हो जाती है या घटती है। ये सबसे पहले 1988 में केरल में हुआ, फिर पांच साल बाद तमिलनाडु में हुआ।’’
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रमेश के अनुसार, ‘‘अब तक भारत के अधितर राज्यों ने प्रजनन क्षमता के प्रतिस्थापन स्तर को हासिल कर लिया है। 2026 तक झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश भी ऐसा कर लेंगे, जिसमें सबसे अंतिम राज्य बिहार है और वह भी 2030 तक इस स्तर को हासिल कर लेगा।’’ उन्होंने 2018-19 के आर्थिक सर्वेक्षण में दिए प्रजनन दर संबंधी आंकड़े साझा करते हुए कहा, ‘‘मुझे संदेह है कि भाजपा में ज्यादातर लोग इस बुनियादी तथ्य से अवगत हैं, जो मोदी सरकार द्वारा जुलाई 2019 में संसद में पेश किये गए अपने 2018-19 के आर्थिक सर्वेक्षण में दर्शाया गया था।
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