सांस लेने में हो रही थी मुश्किल, लोगों ने खरीदे एयर प्यूरीफायर, अभी भी बाजार में डिमांड ज्यादा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति यानी की वायु प्रदूषण और धुंध की वजह से ऐसा वातावरण बन जाता है कि लोगों को सांस लेने में मुश्किल होती है।
नयी दिल्ली। जैसे-जैसे ठंड दस्तक दे रही है ठीक वैसे-वैसे एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ती जा रही है। दरअसल इस मौसम में दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई बड़े शहरों की वायु गुणवत्ता गंभीर स्थिति की तरफ बढ़ती जाती है। एक तरफ वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति तो दूसरी तरफ धुंध होने की वजह से लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है जिसकी वजह से एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ती जा रही है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति यानी की वायु प्रदूषण और धुंध की वजह से ऐसा वातावरण बन जाता है कि लोगों को सांस लेने में मुश्किल होती है। ऐसे में वह अपने घरों की हवा को स्वच्छ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करते हैं।
एयर प्यूरीफायर के बढ़ रहे दाम !
कोरोना महामारी के वजह से ज्यादातर दफ्तरों ने अपने कर्मचारियों को घरो से काम करने की अनुमति दे रखी है, ऐसे में घर में रहकर काम करने वालों इन लोगों के बीच में एयर प्यूरीफयर की मांग भी बढ़ी है। इसके अतिरिक्त कई घर ऐसे भी हैं जहां पर एक से अधिक एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में कीमतों में इजाफा की भी आशंका जाहिर की गई है। बाजार में मिलने वाले एयर प्यूरीफायर की रेंज 10 हजार से शुरू होकर 50 हजार रुपए तक जा रही है।
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पैनासोनिक इंडिया में उपभोक्ता विभाग प्रमुख सुगुरु ताकमत्सु ने बताया कि हमने पैनासोनिक के एयर प्यूरीफायर की बिक्री में 5 गुना वृद्धि देखी है, जो कोरोना वायरस को रोकने में भी मददगार साबित होता है। उन्होंने बताया कि हम एयर प्यूरीफायर की अधिकत्तम मांग उत्तर भारत में देख रहे हैं।
पैनासोनिक का दावा है कि इसके उपकरण पीएम 2.5 सहित बैक्टीरिया, वायरस, धूल, कण, पराग, एलर्जी और हानिकारक कणों को छानकर वायु गुणवत्ता को बढ़ाते हैं।
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सैमसंग इंडिया के एक अधिकारी ने बताया कि सितंबर-अक्टूबर में एयर प्यूरीफायर की बिक्री में डेढ़ गुना इजाफा हुआ है। पिछले साल अक्टूबर अंत में एयर प्यूरीफायर की मांग शुरू हुई थी लेकिन इस बार उपभोक्ता पहले से अधिक सतर्क थे। ऐसे में सितंबर के आखिरी सप्ताह से ही एयर प्यूरीफायर की मांग देखी गई।
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