युवाओं का आवाज उठाना जायज, जवाब देने का साहस करें मोदी: राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई इस बैठक में 20 दलों के नेता शामिल हुए। इस बैठक में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शनों और कई विश्वविद्यालय परिसरों में हिंसा के बाद पैदा हुए हालात, आर्थिक मंदी तथा कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और कई विश्वविद्यालयों में छात्रों पर हमले की पृष्ठभूमि में सोमवार को कहा कि युवाओं की ओर से आवाज उठाना जायज है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नौजवानों एवं छात्रों को सुनने एवं उनकी बातों का जवाब देने का साहस करना चाहिए। प्रमुख विपक्षी दलों की बैठक के बाद गांधी ने यह दावा भी किया कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर नाकाम होने के कारण मोदी देश का ध्यान का भटका रहे हैं और लोगों को बांट रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था और रोजगार की स्थिति को लेकर युवाओं में गुस्सा और डर है क्योंकि उन्हें अपना भविष्य नहीं दिखाई दे रहा है। सरकार का काम देश को रास्ता दिखाने का होता है, लेकिन यह सरकार इसमें नाकाम हो गई है। इसलिए विश्वविद्यालयों, युवाओं और किसानों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।’’
Rahul Gandhi after opposition parties meeting called by Congress: Instead of addressing the problem of the youth Narendra Modi is trying to distract the nation and divide people. Voice of the youth is legitimate, it should not be suppressed, the government should listen to it. pic.twitter.com/d1itLvMxwp
— ANI (@ANI) January 13, 2020
गांधी ने कहा, ‘‘इस स्थिति को ठीक करने की बजाय नरेंद्र मोदी ध्यान भटकाने और देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। देश की जनता समझती है कि मोदी जी अर्थव्यवस्था, रोजगार और देश के भविष्य के मुद्दों पर विफल हो गए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज युवा आवाज उठा रहे हैं। वो जायज है। उसे दबाया नहीं जाना चाहिए। सरकार को इस आवाज को सुनना चाहिए। युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा और अर्थव्यवस्था कैसे पटरी पर आएगी।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को युवाओं और छात्रों की आवाज सुननी चाहिए। उनकी बात का जवाब देने का साहस करना चाहिए। उन्हें यह बताने का साहस करना चाहिए कि देश की अर्थव्यवस्था की ऐसी हालत क्यों हुई है। मुझे पता है कि उनमें ऐसा करने का साहस नहीं है।’’
इसे भी पढ़ें: JNU शिक्षक संघ ने कहा, परिसर में हम नहीं हैं सुरक्षित, पढ़ाने के लिए माहौल नहीं है
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई इस बैठक में 20 दलों के नेता शामिल हुए। इस बैठक में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शनों और कई विश्वविद्यालय परिसरों में हिंसा के बाद पैदा हुए हालात, आर्थिक मंदी तथा कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। पार्लियामेंट एनेक्सी में हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, ए के एंटनी, के सी वेणुगोपाल, गुलाम नबी आजाद और रणदीप सुरजेवाला, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा, झामुमो के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, राजद के मनोज झा, नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी और रालोद के अजित सिंह मौजूद थे।
अन्य न्यूज़