लोकसभा में राहुल गांधी के बोलते वक्त बंद कर दी जाती है माइक? कांग्रेस के आरोप पर स्पीकर ओम बिरला का आया जवाब
लोकसभा स्पीकर ने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, ''सदन के बाहर कुछ सांसद आरोप लगाते हैं कि स्पीकर माइक बंद कर देते हैं। माइक का नियंत्रण कुर्सी पर बैठने वाले के हाथ में नहीं है।”
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि दोनों सदनों में सांसदों के माइक्रोफोन पर अध्यक्ष का कोई नियंत्रण नहीं है। बिरला ने यह बात विपक्ष के इस आरोप के बाद कही कि कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था। लोकसभा स्पीकर ने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, ''सदन के बाहर कुछ सांसद आरोप लगाते हैं कि स्पीकर माइक बंद कर देते हैं। माइक का नियंत्रण कुर्सी पर बैठने वाले के हाथ में नहीं है।”
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बिरला ने कहा, ‘‘यहां कई सदस्य मुझसे वरिष्ठ हैं। सब जानते हैं कि यह व्यवस्था है कि आसन से जिसका नाम पुकारा जाता है वह बोलता है। आसन के पास कोई रिमोट कंट्रोल’ नहीं होता। सभी दलों के सभापति तालिका के सदस्य इसी तरह सदन चलाते हैं। यह परंपरा रही है। मुझे आशा है कि सदस्य अब इस तरह का आक्षेप नहीं लगाएंगे।’’ उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. सुरेश को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह आसन के लिए गरिमा का विषय है। कम से कम इस आसन पर बैठने वाले लोगों को इस तरह की आपत्ति नहीं उठानी चाहिए। सुरेश जी इस आसन पर बैठते हैं। वह बताएं कि क्या आसन के पास माइक का नियंत्रण होता है।’
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सोमवार को भी, अपने लोकसभा भाषण के दौरान, राहुल गांधी ने दावा किया कि जब वह अयोध्या पर बोल रहे थे तो उनका माइक कुछ देर के लिए बंद कर दिया गया था। इस बीच, विपक्ष ने प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा, NEET मुद्दे पर लोकसभा में वॉकआउट किया। केंद्र के आश्वासन के बावजूद विपक्षी दलों के सदस्यों ने लोकसभा से वॉकआउट किया। राहुल गांधी ने कहा, ‘‘संसद से देश को संदेश जाता है। हम छात्रों को संदेश देना चाहते हैं कि नीट का मुद्दा संसद के लिए महत्वपूर्ण है।’’ सदन के उप नेता राजनाथ सिंह ने कहा कि संसद की कार्यवाही कुछ नियम प्रक्रियाओं के आधार पर चलती है और कुछ स्वस्थ परंपराएं भी होती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये स्वस्थ परंपराएं हमारी ताकत हैं और मैंने अपने इतने लंबे संसदीय जीवन में देखा है कि राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान किसी अन्य विषय पर विशेष चर्चा नहीं हुई। विपक्ष धन्यवाद प्रस्ताव पारित करने के बाद ही किसी अन्य विषय पर चर्चा करे।’’
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