जांच समिति ने उत्तर प्रदेश में उत्पीड़न के आरोपी आईपीएस अधिकारी को क्लीन चिट दी
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ गाजियाबाद में एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी की बेटी को प्रताड़ित करने के मामले में जांच करने वाली समिति ने आरोपों को झूठा पाया है।
गाजियाबाद/लखनऊ। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ गाजियाबाद में एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी की बेटी को प्रताड़ित करने के मामले में जांच करने वाली समिति ने आरोपों को झूठा पाया है। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि सोशल मीडिया पर लगाए गए आरोपों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुकुल गोयल ने 30 जुलाई को जांच का आदेश दिया था और जांच का जिम्मा पीएसी के अतिरिक्त डीजी अजय आनंद के नेतृत्व वाली एक समिति को सौंपा गया था।
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संपर्क किए जाने पर आनंद ने पीटीआई-से कहा कि वह इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि वह मामले के जांच अधिकारी हैं। हालांकि, एक अन्य अधिकारी ने पीटीआई-को बताया, ‘‘जांच समिति ने हाल में डीजीपी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में आईजी पीएसी (प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी) बीआर मीणा के खिलाफ आरोपों को झूठा पाया है। स्थानीय पुलिस की जांच में भी उत्पीड़न के दावों को निराधार पाया गया है।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘जांच समिति को शिकायतकर्ता की बेटी ने बताया कि उसके पिता ने तबीयत खराब रहने के दौरान ये आरोप लगाए थे।’’
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गाजियाबाद में रहने वाले सेवानिवृत्त अधिकारी ने इलाहाबाद में प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी (पीएसी) के महानिरीक्षक पद पर कार्यरत 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी के खिलाफ ट्विटर पर जुलाई में आरोप लगाए थे। आरोप का संज्ञान में लेते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने जांच शुरू की थी जबकि गाजियाबाद की स्थानीय पुलिस ने भी मामले में जांच शुरू की थी।
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