विमान उतारने वाली तकनीक में भारत की नई उड़ान ! 'गगन' का इस्तेमाल करने वाली पहली एयरलाइन बनी इंडिगो
नेविगेशन प्रणाली को केंद्र के भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। जब कोई विमान लैंडिंग के लिए रनवे के पास आ रहा हो तब ‘गगन’ का उपयोग पार्श्व और ऊर्ध्वाधर मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए किया जाता है।
नयी दिल्ली। इंडिगो स्वदेशी नेविगेशन (वायुयान संचालन) प्रणाली ‘गगन’ का उपयोग करके विमान की लैंडिंग कराने वाली देश की पहली एयरलाइन बन गई है। बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई। इंडिगो द्वारा जारी बयान में कहा गया कि एटीआर-72 विमान द्वारा संचालित उड़ान को बुधवार सुबह राजस्थान के किशनगढ़ हवाई अड्डे पर जीपीएस-सहायता प्राप्त भू-संवर्धित नेविगेशन (गगन) का इस्तेमाल करते हुए उतारा गया।
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बयान में कहा गया कि इस नेविगेशन प्रणाली को केंद्र के भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। जब कोई विमान लैंडिंग के लिए रनवे के पास आ रहा हो तब ‘गगन’ का उपयोग पार्श्व और ऊर्ध्वाधर मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए किया जाता है। इसकी सटीकता छोटे हवाई अड्डों पर विशेष रूप से उपयोगी है जहां उपकरण लैंडिंग प्रणाली (आईएलएस) स्थापित नहीं की गई है।
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बयान में कहा गया कि गगन भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र का आधुनिकीकरण करेगा, उड़ान में देरी को कम करेगा, ईंधन की बचत करेगा और उड़ान सुरक्षा में सुधार करेगा। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक जुलाई, 2021 के बाद भारत में पंजीकृत सभी विमानों को गगन उपकरण से लैस करने का आदेश जारी किया है।
#AAI has achieved a major milestone in Indian #CivilAviation. AAI has successfully applied the latest technology in Air Navigation Services #ANS in a flight trial at #Kishangarh @aaiksgairport. India is the first country in Asia Pacific Region to achieve this. pic.twitter.com/iPG9Gh0QTO
— Airports Authority of India (@AAI_Official) April 28, 2022
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