Matrubhoomi: दो वैश्विक महामारियां और दो विश्व युद्ध झेलने के बावजूद पूरे किए प्रकाशन के 200 साल, ये है भारत का सबसे पुराना अखबार
खबार का पहला अंक पहली बार 1822 में प्रकाशित हुआ था। इसकी स्थापना एक पारसी विद्वान फरदूनजी मुराज़बान ने की थी। पहले इसे बॉम्बे समाचार कहा जाता था। गुजराती में अखबार हमेशा मुंबई ना समाचार के रूप में निकलता था। ये एक साप्ताहिक संस्करण के रूप में शुरू हुआ।
प्रिंट मीडिया उद्योग में पिछले कुछ सालों में आई मंदी, दो वैश्विक महामारियां और दो विश्व युद्ध झेलने के बाद भी एक गुजराती दैनिक अखबार ने अपने प्रकाशन के 200 साल पूरे कर लिए। साल 2021, जुलाई का महीना और तारीख 1 जुलाई की जब भारत का सबसे पुराना समाचार पत्र मुंबई समाचार ने अपने दो शताब्दी के सफर में प्रवेश किया। 200वें वर्ष में प्रवेश करेगा। गुजराती अखबार का कार्यालय मुंबई के किला क्षेत्र में हॉर्निमन सर्कल में एक प्रतिष्ठित लाल इमारत में स्थित है। इस अखबार का पहला अंक पहली बार 1822 में प्रकाशित हुआ था। इसकी स्थापना एक पारसी विद्वान फरदूनजी मुराज़बान ने की थी। पहले इसे बॉम्बे समाचार कहा जाता था। गुजराती में अखबार हमेशा मुंबई ना समाचार के रूप में निकलता था। ये एक साप्ताहिक संस्करण के रूप में शुरू हुआ।
इस वजह से शुरू किया गया था अखबार
उस दौर में इस अखाबर को मुख्य रूप से जहाजों की आवाजाही और वस्तुओं के बारे में सूचित करने के लिए शुरू किया गया था। लेकिन धीरे धीरे ये एक समाचार पत्र के रूप में विकसित हो गया। जिसका मुख्य फोकस व्यापार से ही जुड़ा होता है। पारसी विद्वान फरदूनजी मुराज़बान ने बंगाली समाचार पत्र समाचार दर्पण शुरू होने के चार साल बाद इस अखबार का प्रकाशन शुरू किया। ये भारत में प्रकाशित होने वाला दूसरा गैर अंग्रेजी समाचार पत्र बन गया। कामा नॉर्टन एंड कंपनी प्रकाशन को स्याही और अखबारी कागज की आपूर्ति करती थी। जब परिसमापन की संभावना सामने आई, तो अदालत ने कंपनी को मुंचेरजी कामा में स्थानांतरित करने का फैसला किया ताकि ऐसी स्थिति से बचा जा सके जिससे कर्मचारियों की नौकरी चली जाए।
फोर्ट’ परिसर के बीचों-बीच स्थित ‘रेड हाउस’
लगभग 40 साल पहले मुंबई समाचार के निदेशक के रूप में पदभार ग्रहण करने वाले होर्मसजी कामा ने कहा, "यह बहुत अच्छा है कि हम 200 वर्षों तक इसे जीवित रखने में कामयाब रहे। इसके साथ ही उन्होंने इसके 300 साल के सफर तक पहुंचने की भी उम्मीद जताई। मुंबई समाचार मुंबई की जनता के लिए सबसे प्रसिद्ध औपनिवेशिक युग की दक्षिण मुंबई में ‘फोर्ट’ परिसर के बीचों-बीच स्थित ‘रेड हाउस’ नामक एक गहरे लाल रंग की इमारत में स्थित है। जिसके बाहर कामा की पुरानी कारें अक्सर पार्क की जाती हैं। वर्तमान में, मुंबई के अलावा चार अन्य केंद्रों में 200 से अधिक कर्मचारी सदस्य और कार्यालय, अखबार का एक दैनिक संस्करण निकालते हैं, जिससे यह भारत में सबसे पुराना चलने वाला स्थानीय समाचार पत्र बन जाता है। मुंबई समाचार एक पंचांग (ज्योतिषीय पंचांग) भी प्रकाशित करता है।
कोरोना काल में भी रहा लाभदायक
गैर लाभकारी निजी समाचार सहकारी संगठन प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के निदेशक मंडल के सदस्य कामा ने बताया कि कई कारणों से अखबार ने अपने कवर की कीमत में इजाफा करते हुए 10 रुपये प्रति कॉपी कर दी। कोरोना महामारी के बीच भी ये सबसे महंगे अखबारों में से एक है। वित्त वर्ष 2020-21 में भी इसने लाभ अर्जित किया है।
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