Kashmir घाटी में बढ़ते आतंकी हमले बने चिंता का विषय, PM Modi से मिले CM Omar Abdullah, आतंकियों की अब खैर नहीं

Modi Omar
ANI

सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग सेक्टर में आतंकवादी हमले के बाद इलाके में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास आज व्यापक तलाश अभियान शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि नियंत्रण रेखा और हमला स्थल के नजदीकी इलाकों में तलाश अभियान शुरू किया गया है।

जम्मू-कश्मीर में खासकर कश्मीर घाटी में आतंकी हमलों का जो सिलसिला शुरू हुआ है वह लगातार जारी है। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात कर आतंक से निबटने के लिए पूरा सहयोग मांगा है। हम आपको बता दें कि ताजा हमला गुलमर्ग में गुरुवार को हुआ। इस हमले में घायल हुए दो जवानों ने दम तोड़ दिया और इसके साथ ही इस हमले में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। सैन्य बल के साथ काम करने वाले दो कुलियों की गुरुवार को ही मौत हो गई थी और तीन सैनिकों सहित चार लोग घायल हुए थे जिनमें से दो सैनिकों ने बाद में दम तोड़ दिया। अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में गुलमर्ग से छह किलोमीटर दूर आतंकवादियों ने सेना के एक वाहन पर हमला दिया था। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने बृहस्पतिवार शाम को बूटापथरी इलाके में सेना के वाहन पर तब गोलीबारी की जब वह अफरावत रेंज में नागिन चौकी की ओर जा रहा था। अधिकारियों ने दो कुलियों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा था कि घायल जवानों में से दो की हालत गंभीर है। अधिकारियों ने बताया कि वाहन में सवार जवानों ने हमला होने के बाद जवाबी गोलीबारी की।

अधिकारियों ने कहा कि यह क्षेत्र पूरी तरह से सेना के कब्जे में है और अतीत में ऐसी खबरें आई थीं कि एक आतंकवादी समूह ने गर्मियों की शुरुआत में घुसपैठ की थी और यह अफरावत रेंज के ऊंचे इलाकों में छिपा था। प्रतिष्ठित ‘हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल’ (एचएडब्ल्यूएस) हमला स्थल से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। सियाचिन ग्लेशियर में तैनाती से पहले सेना के जवानों को एचएडब्ल्यूएस में विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। हम आपको बता दें कि बूटापथरी क्षेत्र को हाल में पर्यटकों के लिए खोला गया था।

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हम आपको बता दें कि घाटी में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि के बीच यह हमला हुआ है। रविवार को एक अन्य घातक हमले में, मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में एक निर्माण स्थल पर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में छह प्रवासी मजदूरों और एक स्थानीय चिकित्सक की मौत हो गई थी। इससे पहले, 18 अक्टूबर को शोपियां जिले में आतंकवादियों ने बिहार के एक मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके अलावा आतंकवादियों ने पुलवामा जिले के त्राल इलाके में उत्तर प्रदेश के एक मजदूर को गोली मार दी थी जिससे वह घायल हो गया था।

इस बीच, सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग सेक्टर में आतंकवादी हमले के बाद इलाके में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास आज व्यापक तलाश अभियान शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि नियंत्रण रेखा और हमला स्थल के नजदीकी इलाकों में तलाश अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने हमला स्थल के आस-पास के रास्तों को सील कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बल तलाश अभियान के दौरान मानवीय और तकनीकी खुफिया जानकारी की मदद ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह अभियान हमले में शामिल आतंकवादियों का पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए शुरू किया गया है।

दूसरी ओर राजनीतिक प्रतिक्रियाओं की बात करें तो आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि घाटी में हालिया हमले गंभीर चिंता का विषय हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘उत्तरी कश्मीर के बूटापथरी क्षेत्र में सेना के वाहनों पर हमले की बेहद दुर्भाग्यपूर्ण खबर है, जिसमें कुछ लोग हताहत हुए हैं। कश्मीर में हालिया हमले गंभीर चिंता का विषय हैं।’’ अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मैं इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं और जान गंवाने वाले लोगों के प्रियजन के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं यह भी प्रार्थना करता हूं कि घायल पूरी तरह और शीघ्र स्वस्थ हों।’’ 

वहीं जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सुरक्षा बलों को निर्देश दिया कि वे गुलमर्ग में सेना के वाहन पर हमला करने वाले आतंकवादियों को त्वरित और मुंहतोड़ जवाब दें। उपराज्यपाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “बूटा पथरी सेक्टर में हुए जघन्य आतंकी हमले पर सेना के शीर्ष अधिकारियों से बात की। आतंकवादियों को ढेर करने के लिए त्वरित और मुंहतोड़ जवाब देने के निर्देश दिए। अभियान जारी है। हमारे शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उनके परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।'' उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने साथ ही सुरक्षा ग्रिड से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और उनके साजोसामान के नेटवर्क को खत्म करने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार करने को कहा ताकि केंद्र शासित प्रदेश में शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता पूरी हो सके।

एकीकृत मुख्यालय की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सिन्हा ने शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों से कहा कि वे जम्मू-कश्मीर में सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं का सुरक्षा ऑडिट करें और यदि कोई खामियां हों तो उन्हें दूर करें। हम आपको बता दें कि बैठक में सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एम.एल. सुचिन्द्र, मुख्य सचिव अटल डुल्लू, पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में गैर स्थानीय मजदूरों पर हुए हमलों पर चर्चा की गई, जिसमें गगनगीर सुरंग निर्माण स्थल पर हुआ हमला भी शामिल है। इस हमले में सात लोग मारे गए थे और पांच घायल हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल ने सुरक्षा बलों को गगनगीर हमले में शामिल आतंकवादियों की तलाश करने का निर्देश दिया ताकि उन्हें जल्द से जल्द न्याय के कठघरे में लाया जा सके। उन्होंने बताया कि सिन्हा ने सभी सुरक्षा एजेंसियों से सक्रिय कार्रवाई करने का आह्वान किया ताकि (आतंकवादियों के) उन सक्रिय सहयोगियों के नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके जो आतंकवादियों को ऐसे कायराना कृत्यों को अंजाम देने में सक्षम बनाते हैं। अधिकारियों ने बताया, ‘‘उपराज्यपाल ने बैठक में बताया कि सरकार जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि केंद्र शासित प्रदेश के लोग सामान्य जीवन जी सकें।''

दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पिछले सप्ताह पदभार संभालने के बाद राष्ट्रीय राजधानी के अपने पहले दौरे के दौरान बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री को एक प्रस्ताव सौंपा जिसमें केंद्रशासित प्रदेश का राज्य का दर्जा जल्द बहाल करने की मांग की गई। अधिकारियों के अनुसार, बैठक 30 मिनट से अधिक समय तक चली। इस दौरान अब्दुल्ला ने वर्तमान सुरक्षा स्थिति और विकास कार्यों सहित जम्मू-कश्मीर से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने प्रधानमंत्री को पारंपरिक कश्मीरी शॉल भी भेंट की। बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने इससे संबंधित तस्वीरें साझा कीं।

अधिकारियों ने बताया कि अब्दुल्ला ने पिछले सप्ताह अपने मंत्रिमंडल द्वारा पारित किया गया प्रस्ताव भी सौंपा, जिसमें केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा ‘‘उसके मूल स्वरूप में’’ बहाल करने का आग्रह किया गया। अब्दुल्ला ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की और केंद्र शासित प्रदेश में बेहतर सुरक्षा स्थिति के लिए सहयोग मांगा ताकि विकास कार्य पूरा किया जा सके। अब्दुल्ला ने केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी मुलाकात की और केंद्र शासित प्रदेश में बिजली की स्थिति पर चर्चा की। बाद में, मंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया और इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया। इससे पहले दिन में, अब्दुल्ला ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से उनके कार्यालय में मुलाकात की। अधिकारियों ने बताया कि बैठक के दौरान अब्दुल्ला ने गडकरी को जम्मू-कश्मीर में सड़क संपर्क परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने गडकरी को पारंपरिक कश्मीरी शॉल भेंट की। अब्दुल्ला ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और यह करीब 30 मिनट तक चली थी।

इस बीच, JKNC प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने बारामूला आतंकी हमले पर कहा, "इस रियासत में ऐसा होता रहेगा। जब तक इस समस्या से निकलने का रास्ता नहीं निकलेगा, तब तक यह नहीं रुकेगा। मैं 30 साल से देख रहा हूं कि निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं। हम पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनने वाले हैं, तो वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? हमारा भविष्य बर्बाद करने के लिए? उन्हें अपने देश को देखना चाहिए... मैं उनसे फिर अपील करता हूं कि वे इसे रोकें और दोस्ती का रास्ता खोजें, अगर दोस्ती नहीं की गई तो भविष्य बहुत मुश्किल होगा। मैं इस घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं।"

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