सपा-बसपा गठबंधन में इन सीटों पर फंसा पेंच
बीते माह 12 जनवरी को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती संयुक्त प्रेसवार्ता कर गठबंधन का ऐलान किया है। समझौते के मुताबिक दोनों दल 38-38 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। अमेठी-रायबरेली की सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी गई है, वहीं दो सीटें राष्ट्रीय लोकदल के लिए छोड़ी गई हैं। बाद में इस गठबंधन में रालोद को भी शामिल कर लिया गया।
भाजपा और नरेंद्र मोदी के प्रभाव को उत्तर प्रदेश में थामने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन का ऐलान 12 जनवरी को हो गया था। प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 38-38 के फार्मूले पर दोनों दलों ने चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ 2 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ने का निर्णय लिया था। लेकिन अभी तक दोनों दलों के सभी प्रत्याशियों के नाम फाइनल नहीं हो सके हैं। ज्यादातर सीटों पर सपा-बसपा के बीच सहमति बन गई है, लेकिन पूर्वांचल व कुछ अन्य ऐसी सीटें हैं, जिन पर दोनों दल अपने-अपने तर्कों के साथ अपनी दावेदारी जता रहे हैं। करीब एक दर्जन सीटों पर प्रत्याशियों के चयन को लेकर दोनों दलों के बीच अभी माथापच्ची चल रही है।
12 जनवरी को हुआ था सपा-बसपा गठबंधन का ऐलान
बीते माह 12 जनवरी को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती संयुक्त प्रेसवार्ता कर गठबंधन का ऐलान किया है। समझौते के मुताबिक दोनों दल 38-38 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। अमेठी-रायबरेली की सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी गई है, वहीं दो सीटें राष्ट्रीय लोकदल के लिए छोड़ी गई हैं। बाद में इस गठबंधन में रालोद को भी शामिल कर लिया गया।
इसे भी पढ़ें: मुलायम ने दाखिल किया नामांकन, कहा- समाजवादी पार्टी को मिलेगा बहुमत
कुछ सीटों पर फंस रहा पेंच
सपा-बसपा गठबंधन के तहत कैसरगंज सीट बसपा के खाते में आई है। पार्टी यहां से सतीश चंद्र मिश्रा को उतारने पर विचार कर रही है। पूर्वांचल की बात करें तो सपा कोटे की बलिया और बसपा कोटे की जौनपुर लोकसभा सीट पर भी दृश्य अभी तक साफ नहीं हो पाया है।
अन्य न्यूज़