मॉडल युग में भी बढ़ रहा है रामलीला का महत्व : मालिनी अवस्थी
सरयू घाट स्थित लक्ष्मण किला के मैदान में हो रहे भरपूर रामलीला में माता शबरी की भूमिका निभाने को पद्मश्री से सम्मानित लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने कहा समाज से वंचित और शोषित लोगों को भी अधिकार मिले।
अयोध्या। देश-दुनिया में बढ़ते आधुनिकीकरण के साथ आज भी धार्मिक भावनाओं को महत्व दिया जा रहा है करोड़ों लोग अयोध्या की रामलीला को देखने के लिए दूरदर्शन व सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं अयोध्या की रामलीला में मक्का सभी की भूमिका निभानी पहुंची लोक गायिका पद्मश्री से सम्मानित मालिनी अवस्थी ने शबर की भूमिका को सिर्फ रामलीला में शामिल होने के लिए नहीं बल्कि समाज से शोषित और वंचित लोगों को उनके मौलिक अधिकार और न्याय दिलाने के लिए पात्र को निभाया है और संदेश भी दिया है।
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राम नगरी अयोध्या के सरयू तट स्थित लक्ष्मण किला के मैदान में चल रहे वर्चुअल स्टारों की रामलीला मैं पद्मश्री से सम्मानित लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने भी अपना किरदार माता शबरी के रूप में निभाई तो वहीं इस दौरान पत्रकारों से खास बातचीत करते हुए बताया कि आज धर्म की रक्षा के लिए किया जाता रहा है। आज हमने शबरी का पात्र इसलिए लिया है कि सबरी प्रतिनिधित्व करती है वंचित और शोषित समाज का वहां राम उनको ना सिर्फ गले लगाते हैं बल्कि उनके चरण छू कर के उनको प्रणाम करते हैं यह अपने आप में एक ऐसा संदेश है ऐसी समाज के लिए जो आज भी जाति धर्म में बांटना चाहता है वहां शबरी और राम का संबंध एक इसे रूप में सामने आता है.
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मालिनी अवस्थी ने कहा कि भगवान श्रीराम का जन्म प्रीता युग में हुआ है लेकिन आज राम कथा हर युग हर समय में लोग कहते हैं कि मॉडर्न हो रहे हैं कौन देखता है कौन सुनता है हर बार इस राम कथा और रामलीला में भीड़ बढ़ती जा रही है दुर्गा पंडालों व रामलीलाओं की स्थिति और बेहतर हो रही है और हमेशा जनता हमेशा बड़े चाव से देखती है राम कथा में या रामलीला में क्या होने वाला यह सबको पता है लेकिन लोग उसे बार-बार देखने हैं क्योंकि देखना अच्छा लगता है क्योंकि उससे हम सीखते हैं इसलिए रामलीला हमारे लिए एक गुरु बनकर काम करती है।
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