IIT Madras खेल कोटा लागू करने वाला पहला IIT बना, प्रत्येक Degree Course में दो सीट होंगी

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कामकोटि ने से कहा, शैक्षणिक सत्र 2024-2025 से शुरू होकर, आईआईटी मद्रास खेल उत्कृष्टता प्रवेश पाठ्यक्रम के तहत भारतीय नागरिकों के लिए प्रति स्नातक कार्यक्रम में दो अतिरिक्त सीट की पेशकश करेगा। हम खेल कोटा लागू करने वाले पहले आईआईटी हैं और इसका उद्देश्य उन छात्रों को पुरस्कृत एवं प्रोत्साहित करना है, जिन्होंने अपनी पसंद के खेल में एक निश्चित स्तर की उत्कृष्टता हासिल की है।”

नयी दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास अपने स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए खेल कोटा लागू करने वाला पहला आईआईटी बन गया है और यह 2024-25 शैक्षणिक सत्र से प्रत्येक पाठ्यक्रम में इससे संबंधित दो अतिरिक्त सीट सृजित करेगा। यह जानकारी संस्थान के निदेशक वी कामकोटि ने दी। वर्तमान में, आईआईटी में खेल कोटा नहीं है, जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय सहित देश के कई प्रमुख विश्वविद्यालयों में खेल कोटा है। 

कामकोटि ने से कहा, शैक्षणिक सत्र 2024-2025 से शुरू होकर, आईआईटी मद्रास खेल उत्कृष्टता प्रवेश (एसईए) पाठ्यक्रम के तहत भारतीय नागरिकों के लिए प्रति स्नातक कार्यक्रम में दो अतिरिक्त सीट की पेशकश करेगा। हम खेल कोटा लागू करने वाले पहले आईआईटी हैं और इसका उद्देश्य उन छात्रों को पुरस्कृत एवं प्रोत्साहित करना है, जिन्होंने अपनी पसंद के खेल में एक निश्चित स्तर की उत्कृष्टता हासिल की है।” उन्होंने कहा, प्रति पाठ्यक्रम दो सीट एसईए के माध्यम से आवंटित की जाएंगी। एक सीट लिंग-तटस्थ होगी, दूसरी सीट केवल महिलाओं के लिए होगी। 

एसईए के तहत प्रवेश पात्रता में अभ्यर्थियों ने ‘जेईई एडवांस्ड’ में ‘कॉमन रैंक लिस्ट’ (सीआरएल) या श्रेणीवार रैंक सूची में स्थान प्राप्त किया हो और पिछले चार वर्षों में उन्होंने राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी खेल प्रतियोगिता में कम से कम एक पदक जीता हो। अभ्यर्थियों को आईआईटी में प्रवेश के लिए पात्रता मानदंड के अनुसार 12 वीं कक्षा में न्यूनतम आवश्यक अंक प्राप्त करने होंगे। उन्होंने कहा, खेलों की विशिष्ट सूची में उनके प्रदर्शन के आधार पर अभ्यर्थियों द्वारा प्राप्त कुल स्कोर के आधार पर एक अलग खेल रैंक सूची (एसआरएल) तैयार की जाएगी। सीट आवंटन केवल एसआरएल के आधार पर किया जाएगा। 

यह विचार पिछले साल आईआईटी मद्रास द्वारा शीर्ष प्रौद्योगिकी संस्थानों की शीर्ष संस्था आईआईटी परिषद के समक्ष रखा गया था। निदेशक ने कहा, ‘‘खेल कोटा की अवधारणा भारत में उच्च शिक्षा प्रणाली में मौजूद है, लेकिन इसे अभी तक आईआईटी में लागू नहीं किया गया है। सैद्धांतिक रूप में, सभी आईआईटी ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया था। जेईई एपेक्स बोर्ड (जेएबी) के परामर्श से विस्तृत कार्यान्वयन के तौर-तरीके और समय-सीमा तैयार की गई थी।’’ जेएबी, जेईई (मेन) परीक्षा के संचालन के लिए दिशानिर्देश तय करने और आईआईटी में प्रवेश के लिए जेईई (एडवांस्ड) परीक्षा के संचालन का समन्वय करने के लिए जिम्मेदार है। इस साल जेईई-एडवांस्ड का आयोजन आईआईटी मद्रास कर रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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