तमिलनाडु में बढ़ा समर्थन तो क्या जयशंकर और सीतारमण को बीजेपी किसी सीट से लड़वाएगी चुनाव? AIADMK ने पूछा सवाल
मुनुसामी ने कहा कि मैं इस मंच से (तमिलनाडु भाजपा प्रमुख) अन्नामलाई और पीएम (नरेंद्र) मोदी से पूछ रहा हूं, आप कहते हैं कि तमिलनाडु में आपका समर्थन बढ़ा है। दो केंद्रीय मंत्री हैं जो तमिलनाडु से हैं, निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर। उन्हें राज्य के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़वाएं।
अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता केपी मुनुसामी ने कहा कि अगर भाजपा को लगता है कि तमिलनाडु में उसका समर्थन बढ़ा है, तो उन्हें केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर को राज्य के किसी भी लोकसभा क्षेत्र से मैदान में उतारना चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर दोनों मूल रूप से तमिलनाडु से हैं। मुनुसामी ने कहा कि मैं इस मंच से (तमिलनाडु भाजपा प्रमुख) अन्नामलाई और पीएम (नरेंद्र) मोदी से पूछ रहा हूं, आप कहते हैं कि तमिलनाडु में आपका समर्थन बढ़ा है। दो केंद्रीय मंत्री हैं जो तमिलनाडु से हैं, निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर। उन्हें राज्य के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़वाएं।
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अगर बीजेपी में हिम्मत है और अगर उन्हें विश्वास है कि तमिल लोग उनका समर्थन करेंगे, तो इन मंत्रियों को तमिलनाडु के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़वाएं। उन्होंने कहा कि अगर लोग राज्य में इन मंत्रियों को मैदान में उतारते हैं तो लोग "इस द्रविड़ भूमि में भाजपा को सबक सिखाएंगे। अन्नाद्रमुक नेता की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भाजपा आगामी लोकसभा चुनावों के लिए निर्मला सीतारमण सहित केंद्रीय मंत्रियों, जो राज्यसभा सांसद हैं, को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है। कयास लगाए जा रहे थे कि निर्मला सीतारमण तमिलनाडु समेत किसी दक्षिणी राज्य से चुनाव लड़ सकती है।
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मुनुसामी ने कहा कि उन्होंने (भाजपा) एल मुरुगन को राज्यसभा सांसद क्यों बनाया? लोकसभा चुनावों के लिए उनके लिए 'जमीनी काम' करने के बावजूद। उन्हें उन्हें चुनाव लड़वाना चाहिए था। उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया? क्योंकि अगर वह चुनाव लड़ते हैं तो वह जीत नहीं पाएंगे। वे खुद यह जानते हैं, तो वे बेवकूफ क्यों बना रहे हैं लोग? अन्नाद्रमुक के दिग्गज नेता सीएन अन्नादुरई और दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता पर अन्नामलाई की टिप्पणियों को लेकर विवाद के बाद अन्नाद्रमुक ने पिछले साल सितंबर में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अपना नाता तोड़ लिया था।
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