ICMR ने कहा- स्वेदश में डायग्नोस्टिक सामग्री का उत्पादन करना होगा मजबूत

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आईसीएमआर ने संशोधित दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा था कि दवा-रोधी टीबी की जांच के लिए इस्तेमाल होने वाली डायग्नोस्टिक मशीनों का उपयोग कोविड-19 के मामलों की स्क्रीनिंग और पुष्टि के लिए किया जा सकता है।

नयी दिल्ली। आईसीएमआर ने कहा है कि डायग्नोस्टिक सामग्री का स्वेदश में उत्पादन मजबूत करना होगा क्योंकि कोविड-19 महामारी बढ़ने के साथ ही इन आपूर्तियों की वैश्विक स्तर पर कमी है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा कि महामारी के शुरुआती कुछ सप्ताह में देश की जरूरत को पूरा करने के लिए डायग्नोस्टिक संबंधी सामग्री प्राप्त करना बड़ी चुनौती थी और दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने के लिए स्वेदशी जांच-परीक्षण को प्राथमिकता दी गयी। उसने कहा कि कुल 11 आरटी-पीसीआर आधारित स्वदेशी जांच पद्धतियों की सिफारिश अब तक कोविड-19 की जांच के लिए की जा चुकी है।

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आईसीएमआर ने बुधवार को संशोधित दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा था कि दवा-रोधी टीबी की जांच के लिए इस्तेमाल होने वाली डायग्नोस्टिक मशीनों का उपयोग कोविड-19 के मामलों की स्क्रीनिंग और पुष्टि के लिए किया जा सकता है। आईसीएमआर ने पहले टीबी (क्षयरोग) के लिए स्वदेशी ट्रूनेट जांच को वैधता प्रदान की थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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