लॉकडाउन के बाद इस्तीफा देंगी IAS अधिकारी रानी नागर, विवादों से रहा है पुराना नाता
अनेकों शिकायतों के बावजूद उक्त महिला आईएएस अधिकारी के खिलाफ जारी अत्पीड़न मामले की उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, यह बी.एस.पी. की हरियाणा व केन्द्र सरकार से भी माँग है।
हरियाणा कैडर की 2014 बैच की आईएएस अधिकारी, रानी नागर ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर घोषणा की कि वह प्रतिष्ठित सेवा से इस्तीफा देने जा रही है। हरियाणा के अभिलेखागार विभाग में निदेशक के रूप में तैनात 38 वर्षीय महिला अधिकारी ने अपने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि वह राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन समाप्त होने के बाद औपचारिक रूप से राज्य सरकार को अपना इस्तीफा सौंपेंगी। उन्होंने लिखा "मैं रानी नागर पुत्री श्री रतन सिंह नागर निवासी ग़ाज़ियाबाद गाँव बादलपुर तहसील दादरी ज़िला गौतमबुद्धनगर आप सभी को सूचित करना चाहती हूँ कि मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं आई. ए. एस. के पद से इस्तीफ़ा दूँगीं। अभी चंडीगढ़ में कर्फ़्यू लगा हुआ है इस कारण से अभी चंडीगढ़ में कर्फ़्यू लगा हुआ है इस कारण से मैं व मेरी बहन रीमा नागर चंडीगढ से बाहर नहीं निकल सकते। चंडीगढ़ से आगे मार्ग में गाजियाबाद तक रास्ते भी बन्द हैं। लॉकडाऊन व कर्फ़्यू खुलने के बाद मैं अपने कार्यालय में इस्तीफ़ा देकर व सरकार से नियमानुसार अनुमति लेकर मैं लॉकडाऊन व कर्फ़्यू खुलने के बाद मैं अपने कार्यालय में इस्तीफ़ा देकर व सरकार से नियमानुसार अनुमति लेकर मैं व मेरी बहन रीमा नागर वापस अपने पैतृक शहर ग़ाज़ियाबाद आयेंगे। हम आपके आशीर्वाद व साथ के आभारी रहेंगे।"
रानी नगर के इस घोषना के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उनके द्वारा उठाए गए इस तरह के कदम के पीछे के कारण पूछा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मीडिया ने भी उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन न तो फोन उठाया गया और न ही कोई जवाब आया। यह महिला अधिकारी मई 2018 से चंडीगढ़ के गेस्ट हाउस में रह रही हैं। रीना नागर का विवादों से पुराना नाता है। अधिकारी पहली बार जून 2018 में सुर्खियों में आई थीं, जब उन्होंने हरियाणा के एक अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के नौकरशाह पर परेशान करने का आरोप लगाया था। उन्होंने हरियाणा राज्य महिला आयोग के समक्ष एक शिकायत भी दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि उनके वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ "दोहरे अर्थ वाले शब्दों" में बात करते थे और यहां तक कि उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) को भी खराब करने की धमकी देते थे।मैं रानी नागर पुत्री श्री रतन सिंह नागर निवासी ग़ाज़ियाबाद गाँव बादलपुर तहसील दादरी ज़िला गौतमबुद्धनगर आप सभी को सूचित करना चाहती हूँ कि मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं आई. ए. एस. के पद से इस्तीफ़ा दूँगीं। अभी चंडीगढ़ में कर्फ़्यू लगा हुआ है इस कारण से———1/3
— Ias Rani Nagar (@ias_raninagar) April 22, 2020
अभी चंडीगढ़ में कर्फ़्यू लगा हुआ है इस कारण से मैं व मेरी बहन रीमा नागर चंडीगढ से बाहर नहीं निकल सकते। चंडीगढ़ से आगे मार्ग में गाजियाबाद तक रास्ते भी बन्द हैं। लॉकडाऊन व कर्फ़्यू खुलने के बाद मैं अपने कार्यालय में इस्तीफ़ा देकर व सरकार से नियमानुसार अनुमति लेकर मैं ————-2/3
— Ias Rani Nagar (@ias_raninagar) April 22, 2020
लॉकडाऊन व कर्फ़्यू खुलने के बाद मैं अपने कार्यालय में इस्तीफ़ा देकर व सरकार से नियमानुसार अनुमति लेकर मैं व मेरी बहन रीमा नागर वापस अपने पैतृक शहर ग़ाज़ियाबाद आयेंगे। हम आपके आशीर्वाद व साथ के आभारी रहेंगे।———-3/3
— Ias Rani Nagar (@ias_raninagar) April 22, 2020
इसे भी पढ़ें: UP में कोरोना वायरस के 1,589 मरीजों का चल रहा है इलाज, 335 व्यक्ति हो चुके ठीक
वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे रानी नागर का चर्चा में आने का नया हथकंडा भी करा रहे हैं। अब रानी नागर को लेकर भी राजनीति शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी के अध्यक्ष मायावती ने रानी नागर के इस्तीफे की घोषणा को गंभीरता से लेते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए और उनके समर्थन में बातें भी कहीं। मायावती ने लिखा, "यूपी के जिला गौतम बुद्ध नगर की मूल निवासी व हरियाणा कैडर की आईएएस-2014 अधिकारी रानी नागर द्वारा, अपने कुछ उच्च अधिकारियों पर उत्पीड़न व बहन सहित इन्हें जान को खतरे के विरोध में, अन्ततः इस्तीफा देने की जो बात कही है यह अति-गंभीर मामला है। सरकार इसका तुरन्त उचित संज्ञान ले। अनेकों शिकायतों के बावजूद उक्त महिला आईएएस अधिकारी के खिलाफ जारी अत्पीड़न मामले की उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, यह बी.एस.पी. की हरियाणा व केन्द्र सरकार से भी माँग है।"
1. यूपी के जिला गौतम बुद्ध नगर की मूल निवासी व हरियाणा कैडर की आईएएस-2014 अधिकारी रानी नागर द्वारा, अपने कुछ उच्च अधिकारियों पर उत्पीड़न व बहन सहित इन्हें जान को खतरे के विरोध में, अन्ततः इस्तीफा देने की जो बात कही है यह अति-गंभीर मामला है। सरकार इसका तुरन्त उचित संज्ञान ले। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) April 25, 2020
अन्य न्यूज़