सीतापुर जेल से रिहा हुए आजम खान के बेटे अब्दुल्ला, बोले- मैं चुनाव लडूंगा भी और जीतूंगा भी
जेल से रिहा होने के बाद अब्दुल्ला आजम ने कहा कि मैं चुनाव लडूंगा भी और जीतूंगा भी, आजम खान 9 बार विधायक रहे हैं और वे ऐसे मुकदमें में जेल में बंद है, जिसमें 8 लोगों को अग्रिम जमानत मिल गई है। इस बार अखिलेश जी 200 फीसदी मुख्यमंत्री बनेंगे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की शनिवार को जेल से रिहाई हो गई। आपको बता दें कि अब्दुल्ला आजम को 43 मुकदमों में जमानत मिली है और सीतापुर की जेल से रिहा होने के बाद ही उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मैं चुनाव लडूंगा भी और जीतूंगा भी। इस बार अखिलेश यादव 200 फीसदी मुख्यमंत्री बनेंगे।
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क्या अब्दुल्ला आजम जीतेगा चुनाव ?
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जेल से रिहा होने के बाद अब्दुल्ला आजम ने कहा कि मैं चुनाव लडूंगा भी और जीतूंगा भी, आजम खान 9 बार विधायक रहे हैं और वे ऐसे मुकदमें में जेल में बंद है, जिसमें 8 लोगों को अग्रिम जमानत मिल गई है। इस बार अखिलेश जी 200 फीसदी मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि आजम खान 2020 से सीतापुर की जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। मैं चाहता हूं कि अदालतें न्याय दें।
Samajwadi Party leader Azam Khan's son Abdullah Azam released from Sitapur Jail today
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 15, 2022
Azam Khan continues to be lodged in the Sitapur jail since 2020 with many cases registered against him.
"I want the courts to deliver justice," says Abdullah Azam pic.twitter.com/D5IBUe5qCt
23 महीने बाद जेल से बाहर आए अब्दुल्ला
अब्दुल्ला आजम करीब 23 महीने बाद जेल से बाहर आए हैं। ऐसे में पिता की गैरहाजिरी में अब्दुल्ला आजम चुनावी मोर्चा संभालने वाले हैं। माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें स्वार विधानसभा से अपना उम्मीदवार बनाएगी। पिछली चुनाव में उन्होंने इसी सीट से जीत दर्ज की थी लेकिन उनकी विधायकी रद्द हो गई थी।
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अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन हुआ था रद्द
रामपुर जिले की स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के अब्दुल्ला आजम ने साल 2017 का चुनाव लड़ा था और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 53 हजार वोट से मात दे दी थी। जिसके बाद बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले नवाब काजिम अली खान ने उम्र विवाद को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके बाद उनके दो जन्म प्रमाण पत्र और दो पैन कार्ड से जुड़े मामले की जांच हुई और फिर हाई कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन रद्द कर दिया था। जिसके बाद से यह सीट खाली है। माना जा रहा है कि 3 लाख मतदाता वाली इस सीट पर सपा, भाजपा और बसपा के बीच में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।
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