संगम नगरी प्रयागराज में कैसा रहा है चुनावी गणित, जहां कई बार बदले समीकरण

Prayagraj
अभिनय आकाश । Dec 21 2021 7:09PM

प्रयागराज का उत्तरी विधानसभा क्षेत्र 1957 में अस्तित्व में आया। साल 1962 से 1974 तक इस पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा और राजेंद्र कुमार वायपेयी विधायक चुने जाते रहे।

प्रयागराज जिले में कुल 12 विधानसभा क्षेत्र हैं। जिसमें फाफामऊ, सोरांव, फूलपुर, प्रतापपुर, हंडिया, मेजा, करछना, इलाहाबाद पश्चिम, इलाहाबाद उत्तर, इलाहाबाद दक्षिण, बारा, कोरांव आते हैं। 

प्रयागराज उत्तरी विधानसभा का अब तक चुनाव परिणाम

प्रयागराज का उत्तरी विधानसभा क्षेत्र 1957 में अस्तित्व में आया। साल 1962 से 1974 तक इस पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा और राजेंद्र कुमार वायपेयी विधायक चुने जाते रहे। 1977 के चुनाव में जनता पार्टी की टिकट पर बाबा राम आधार यादव ने जीत दर्द की। लेकिन अगले ही चुनाव में राजेंद्र वाजपेयी के पुत्र अशोक वायपेयी की जीत हुई। 1985 के विधानसभा चुनाव में जनता दल की टिकट पर छात्रसंघ के नेता रहे अनुग्रह नारायण सिंह विधायक बनें। 1991 से 2002 तक बीजेपी के कब्जे में ये सीट रही। 2007 के चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर अनुग्रह नारायण सिंह की जीत हुई। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हर्ष वर्धन वाजपेयी की जीत हुई। 

इसे भी पढ़ें: आगरा की 9 विधानसभा सीटें, जनता ने कमल भी खिलाया, हाथी की सवारी भी की

2017 का चुनाव परिणाम

 उम्मीदवार  पार्टी  वोट 
 हर्ष वर्धन वाजपेयी भाजपा  89191
 अनुग्रह नारायण सिंह कांग्रेस 54166 
 अमित श्रीवास्तव बसपा 23388 

प्रयागराज दक्षिण विधानसभा का अब तक चुनाव परिणाम

प्रयागराज की दक्षिण विधानसभा सीट एक वीआईपी सीट के तौर पर जानी जाती रही है। इस सीट पर शुरुआती दौर से ही कांग्रेस का कब्जा रहा है। साल 1989 में इस सीट पर पहली बार बीजेपी का खाता केसरीनाथ त्रिपाठी ने खुलवाया था। 1991 में अपनी जीत को दोहराते हुए इस बार उन्होंने जनता दल के प्रत्याशी को हराया। 1993 में केसरी नाथ त्रिपाठी ने जीत की हैट्रिक लगाई। इस बार उन्होंने सपा के अब्दुल नासिर खान को हराकर जीत दर्ज की। अगले चुनाव में उनके सामने सपा के हरिओम साहू थे लेकिन इस बार फिर केसरीनाथ त्रिपाठी के जीत का सिलसिला जारी रहा। 2002 में केसरीनाथ त्रिपाठी ने पांचवीं बार जीत दर्ज की। 2007 में भाजपा के दुर्ग में बसपा ने सेंध लगा दी। बसपा प्रत्याशी नंद गोपाल गुप्ता ने केसरीनाथ त्रिपाठी को हराकर जीत दर्ज की।  2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के हाजी परवेज अहमद ने जीत दर्ज की। जबकि 2017 के चुनाव में बीजेपी की वापसी बसपा से नाता तोड़कर भगवा का दामन थामने वाले नंद गोपाल गुप्ता ने करवाई।

 बारा, हंडिया सीट

पूर्वाचल के प्रयागराज जिले की बारा विधानसभा सीट बाहुबली नेता उदय भान करवरिया के कारण भी जानी जाती है। यहां 1980 में कांग्रेसी रमाकांत मिश्रा जीते थे। 989 के बाद यहां समीकरण बदल गया। यहां इसके बाद जनता दल की लहर आई। 1991 में इस सीट पर बसपा का खाता का खाता खुला। 2002 चुनाव में इस सीट पर पहली बार कमल खिला। लेकिन 2012 में परिसीमन के बाद रिजर्व हो गई। अभी बीजेपी के डॉ. अजय कुमार भारती का यहां कब्जा है। 2017 में हंडिया में कुल 35.84 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में बहुजन समाज पार्टी से हाकि लाल ने अपना दल के प्रमिला देवी को 8526 वोटों के मार्जिन से हराया था।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़