दिल्ली में हिंसा के लिए गृह मंत्री जिम्मेदार, प्रधानमंत्री बर्खास्त करें: कांग्रेस
किसानों को हिंसा ही करनी होती तो वो 63 दिन से हाड़ कंपकपाती सर्दी में दिल्ली की सीमाओं पर लाखों की संख्या में क्यों बैठते? गुप्तचर एजेंसियों से लेकर गृह मंत्रालय तक क्या कर रहा था?
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘आज़ादी के 73 सालों में यह पहला मौका है, जब कोई सरकार लाल किले जैसी राष्ट्रीय धरोहर की सुरक्षा करने में बुरी तरह नाकाम रही। किसानों के नाम पर साज़िश के तहत चंद उपद्रवियों को लाल किले में घुसने दिया गया और दिल्ली पुलिस कुर्सियों पर बैठी आराम फरमाती रही।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा के करीबी दीप सिद्धू की पूरे समय लाल किले में मौजूदगी किसान आंदोलन को बदनाम करने की सुनियोजित साजिश है।’’ कांग्रेस नेता ने यह आरोप भी लगाया, ‘‘अमित शाह के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने उपद्रवियों की अगुआई कर रहे दीप सिद्धू व उनके गैंग की बजाय संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके उपद्रवियों के साथ भाजपा सरकार की मिलीभगत व साजिश को खुद ही बेनकाब कर दिया है।’’ सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘मोदी सरकार जब उन्हें ‘बलपूर्वक’ नहीं हटा पाई, तो छलपूर्वक हटाने का षडयंत्र करने लगी। पहले ‘प्रताड़ित करो और परास्त करो’ की नीति, फिर मीटिंग पर मीटिंग कर ‘थका दो और भगा दो’ की नीति, फिर किसानों में ‘फूट डालो और आंदोलन तोड़ो’ की नीति और अब अंतिम छल है, अराजकता का आरोप लगा ‘बदनाम करो और बाहर करो’ की नीति।’’दिल्ली में उपद्रव को रोकने में असफल रहे गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर दिल्ली पुलिस उन उपद्रवियों पर मुकदमा दर्ज़ करने की बजाय संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं पर मुकदमा दर्ज़ कर भाजपा सरकार की साजिश को साबित करती है: रणदीप सिंह सुरजेवाला, कांग्रेस pic.twitter.com/QFWSVJ2Ggb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 27, 2021
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उन्होंने सवाल किया, ‘‘सवाल यह है कि जो किसान 63 दिन से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे, अचानक से ऐसा क्या हुआ, जो वो इतना बिफर गए? केवल 30 से 40 ट्रैक्टर लेकर उपद्रवी लाल किले में कैसे घुस पाए? यह किसकी असफलता है? इसका जिम्मेदार कौन है?’’ कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा, ‘‘ 500-700 हिंसक तत्व जबरदस्ती लाल किले में कैसे घुस सकते हैं? जो दीप सिद्धू प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ फोटो खिंचवा बैठक साझा करता है, उसे और उसके समर्थकों को लाल किले तक जाने की अनुमति किसने दी?’’ कांग्रेस महासचिव ने सवाल किया, ‘‘ किसानों को हिंसा ही करनी होती तो वो 63 दिन से हाड़ कंपकपाती सर्दी में दिल्ली की सीमाओं पर लाखों की संख्या में क्यों बैठते? गुप्तचर एजेंसियों से लेकर गृह मंत्रालय तक क्या कर रहा था?’’ उन्होंने पूछा, ‘‘ क्या हिंसा का वातावरण बना कर यह सब किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश नहीं? क्या यह दिल्ली दंगों, शाहीन बाग, सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों, जेएनयू दिल्ली विश्वविद्यालय प्रकरण की पुनरावृत्ति तो नहीं?’’ सुरजेवाला ने केंद्र सरकार से फिर आग्रह किया कि वह तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करे।
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