मध्य प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में रेडियो स्कूल के माध्यम से घर पर ही हो रही पढ़ाई
शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े आदिम जाति क्षेत्रों में शैक्षिक जन जागरूकता के लिए, आदिम जाति कल्याण विभाग से सहयोग प्राप्त किया गया है। जिसके अनुसार आदिम जाति कल्याण विभाग के वन्या सामुदायिक रेडियो केन्द्रों से भी रेडियो स्कूल कार्यक्रम का प्रसारण विगत 8 जून से प्रारंभ किया गया है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना काल के दौरान आदिवासी क्षेत्रों के विद्यार्थीयों के लिए रेडियो के माध्यम से शैक्षणिक गतिविधिया चलाई जा रही है। कोरोना संकंट काल में पढ़ाई की निरंतरता बनी रहे इसके लिए लिए राज्य शिक्षा केन्द्र, स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा प्रारंभिक कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए कार्यक्रम प्रसारित किए जा रहे है। शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े आदिम जाति क्षेत्रों में शैक्षिक जन जागरूकता के लिए, आदिम जाति कल्याण विभाग से सहयोग प्राप्त किया गया है। जिसके अनुसार आदिम जाति कल्याण विभाग के वन्या सामुदायिक रेडियो केन्द्रों से भी रेडियो स्कूल कार्यक्रम का प्रसारण विगत 8 जून से प्रारंभ किया गया है।
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जिसके तहत वन्या सामुदायिक रेडियो के भावरा जिला अलिराजपुर (भीली), खालवा जिला खण्डवा (कोरकू), नालछा जिला धार (भीली), मेघनगर जिला झाबुआ (भीली), सेसईपुरा जिला श्योपुर (सहरिया), चिचोली जिला बैतूल (गोंडी), तामिया जिला छिन्दवाड़ा (भारिया), चाड़ा जिला डिण्डोरी (बैगानी) से भी सोमवार से शनिवार तक रोजाना प्रात-11 बजे 12 बजे तक रेडियो स्कूल कार्यक्रम प्रसारित किया जा रहा है।
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इस प्रसारण के पूर्व इन केन्द्रों से स्थानीय बोलियों में कार्यक्रम से संबंधित जानकारी प्रसारित की जाती है, जिससे स्थानीय पालक इस कार्यक्रम से परिचित होकर बच्चों की पढ़ाई को निरन्तर रखने के लिए जुड़ रहे हैं। प्रदेश के अनेक गाँवों और मोहल्लों में इस कार्यक्रम को सुनने के लिए स्थानीय स्तर पर रेडियो को लाउड स्पीकर से जोड़कर प्रसारित किया जा रहा है। जिससे विद्यार्थियों के साथ ही गांव के बड़े-बुजुर्ग और अन्य परिजन भी इस कार्यक्रम का लाभ उठा रहें हैं।
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