हिमंत के परिवार ने कृषि भूमि खरीदी और उसे औद्योगिक संपत्ति में तब्दील किया; जांच की जरूरत : गोगोई
मुख्यमंत्री की पत्नी की कंपनी को कथित तौर पर एक योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा 10 करोड़ रुपये की ‘क्रेडिट सब्सिडी’ दिए जाने का मामला बुधवार को सामने आने के बाद से ही गोगोई और शर्मा के बीच सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ परजुबानी जंग चल रही है।
गोलाघाट। लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के परिवार के स्वामित्व वाली एक मीडिया कंपनी द्वारा कृषि भूमि खरीदे जाने और बाद में कम समय में ही उसे औद्योगिक भूमि में तब्दील कर देने के आरोपों की जांच की मांग की है। गोगोई ने संवाददाताओं से कहा कि जमीन का अधिग्रहण और मुख्यमंत्री की पत्नी के स्वामित्व वाली कंपनी को सरकारी अनुदान देना बहुत ही गंभीर मामला है। उन्होंने कहा, ‘‘हालिया घटनाक्रम के मद्देनजर शर्मा को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए।’’
गोगोई ने कहा कि जिस तेजी से इस मामले में लेन देन हुई, उसे देखते हुए विस्तृत जांच की जरूरत है ताकि पारदर्शिता कायम रखी जा सके और नैतिक मानक अक्षुण्ण रहे। मुख्यमंत्री की पत्नी की कंपनी को कथित तौर पर एक योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा 10 करोड़ रुपये की ‘क्रेडिट सब्सिडी’ दिए जाने का मामला बुधवार को सामने आने के बाद से ही गोगोई और शर्मा के बीच सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ परजुबानी जंग चल रही है।
मुख्यमंत्री शर्मा का कहना है कि न तो उनकी पत्नी को और न ही जिस कंपनी से वह जुड़ी हैं, उसे भारत सरकार से रकम मिली है। उन्होंने कहा कि अगर सब्सिडी मिलने का आरोप साबित हो जाता है तो वह सार्वजनिक जीवन से सन्यास लेने सहित कोई भी सजा भुगतने को तैयार हैं। असमिया के एक पोर्टल ने हाल में एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि नगांव जिले के कलियाबोर के दारिगाजी गांव में 50 बीघे से अधिक की कृषि भूमि को मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्यों द्वारा खरीदे जाने के एक महीने के भीतर उसे औद्योगिक भूमि में तब्दील कर दिया गया।
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