क्या कांग्रेस से नाराज हैं आनंद शर्मा ? अहम मौके पर रहे नदारद, हिमाचल चुनाव से पहले मुश्किल में ग्रैंड ओल्ड पार्टी
कहा जा रहा है कि गुलाम नबी आजाद के समर्थन में घाटी के 5000 के अधिक कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी छोड़ने वाले हैं। जबकि सैकड़ों नेताओं ने पहले ही पार्टी को अलविदा कह दिया है। लेकिन मामला अभी थमता हुआ नहीं दिख रहा और तो और आग हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भी फैलती हुई दिखाई दे रही है।
ग्रैंड ओल्ड पार्टी 'कांग्रेस' से गुलाम नबी आजाद पूरी तरह से आजाद हो चुके हैं लेकिन जी-23 समूह के नेताओं के साथ उनकी मुलाकात हो रही है। हाल ही में गुलाम नबी आजाद ने भूपिंदर सिंह हुड्डा और आनंद शर्मा से मुलाकात की थी। जिसकी वजह से कांग्रेस की टेंशन बढ़ने लगी है। क्योंकि हिमाचल प्रदेश में साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और जल्द ही जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव हो सकते हैं।
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मुश्किल में कांग्रेस
कहा जा रहा है कि गुलाम नबी आजाद के समर्थन में घाटी के 5000 के अधिक कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी छोड़ने वाले हैं। जबकि सैकड़ों नेताओं ने पहले ही पार्टी को अलविदा कह दिया है। लेकिन मामला अभी थमता हुआ नहीं दिख रहा और तो और आग हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भी फैलती हुई दिखाई दे रही है। कांग्रेस कार्यसमिति की 28 अगस्त को हुई बैठक की पूर्व संध्या में भी आनंद शर्मा ने गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की थी और कहा जा रहा है कि गुलाम नबी आजाद ने अपने संपर्क में आए कांग्रेस नेताओं को पार्टी छोड़ने की वजह भी बताई है।
कार्यक्रम से नदारद रहे आनंद
हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं को बुधवार को खूब गारंटियां दी गईं। कांग्रेस ने शिमला में जनता को 10 गारंटी दी और कहा कि सत्ता में आने पर तय समय में इन्हें पूरा किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं मुख्य पर्यवेक्षक भूपेश बघेल और प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला की अध्यक्षता में 10 गारंटियों का ऐलान किया गया लेकिन इस कार्यक्रम में हिमाचल के मुख्य नेता आनंद शर्मा नदारद रहे। जबकि पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिमाचल को लेकर हुए ऐलान की जमकर तारीफ की।
आपको ज्ञात हो तो आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि आनंद शर्मा का हिमाचल में कोई जनाधार नहीं है ऐसे में कांग्रेस को ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है लेकिन पार्टी में जारी अंर्तकलह से आगामी चुनाव में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।
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प्रमुख कमेटी से दिया था इस्तीफा
आनंद शर्मा ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा था कि उनके स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में हुए परामर्श में उनकी अनदेखी की गई। आनंद शर्मा जी-23 समूह में शामिल थे, जिसके प्रमुख नेता गुलाम नबी आजाद थे, जो पार्टी से आजाद हो चुके हैं।
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